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जोधपुर-राजपूत समाज की ओर से शादी विवाह सगाई से लेकर अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने के उद्देश्य से पदमश्री और पद्मभूषण से सम्मानित नारायण सिंह मानकलाव की अगुवाई में शिक्षा नेग कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं राजपूत शिक्षा कोष की स्थापना के तहत इस कोष में सक्षम व्यक्ति की ओर से 5 हजार का सहयोग किया जा रहा है जबकि अभी इस कोष में करीब 1 करोड रुपए की राशि जमा हो चुकी है। इस राशि का उपयोग जरूरतमंदों की मदद के लिए किया जा रहा है।
नारायण सिंह मानकलाव ने बताया कि एक किसान की मृत्यु होने के बाद उनके 6 बच्चों को गोद लेकर राजपूत छात्र प्रोत्साहन निधि का गठन किया गया था। जिसमें समाज के लोगों से सहयोग लेते हुए इन बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है। साल दर साल इसमें लोगों का जुड़ाव बढ़ता गया और अब यह कोष लगभग एक करोड रुपए की राशि का होने वाला है। उन्होंने कहा कि समाज के पीड़ित और जरूरतमंद युवाओं को पढ़ा लिखा कर काबिल बनना सभी का दायित्व है और इसी शिक्षा ने कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर अन्य समाज भी शिक्षा कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं।
इस कार्यक्रम के तहत किसी भी आयोजन में खर्च होने वाले रुपयों का आधा प्रतिशत शिक्षा में खर्च करने का आह्वान किया गया था। जिसके सकारात्मक परिणाम सब सामने आने लगे हैं।


