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पाली-पाली में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित एक हॉस्टल में काम करने वाली 32 वर्षीय महिला कूक ने हॉस्टल वार्डन पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। वार्डन ने आरोप को निराधार बताया। पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू की है।
कोतवाल अनिल विश्नोई ने बताया कि पाली शहर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित हॉस्टल में काम करने वाली 32 वर्षीय विवाहिता ने थाने में रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि वह संविदा पर पिछले करीब दो साल से हॉस्टल में कूक का काम करती है और उसका पति गार्ड का काम करता है। दोनों हॉस्टल में बने सर्वेन्ट क्वार्टर में परिवार सहित रहते है।
3 मई की सुबह करीब साढ़े 11 बजे हॉस्टल वार्डन संजय वैष्णव ने उसके पति को बाइक ठीक करवाने मैकेनिक के पास भेज दिया। उस समय वह रसोई में साफ-सफाई का काम कर रही थी। वार्डन संजय आया और पानी मांगा पानी का लौटा देकर वह वापस काम में लग गई। आरोप है कि इस दौरान वार्डन संजय वैष्णव ने उसे पीछे से पकड़ लिया और छेड़छाड़ की। उसने अपने आपको छुड़ाया और कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया। कुछ देर बाद उसका पति आया तो उसने दरवाजा खोला और सारी बात बताई। इस पर उन्होंने इसको लेकर वार्डन से बात की तो झगड़ा करने लगे और जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू की।
वार्डन की सफाई- काम के लिए टोक तो आरोप लगाया
इस मामले में वार्डन संजय वैष्णव का कहना है कि महिला उसके हॉस्टल में कूक का काम नहीं करती। उसका पति काम करता है वह यहां क्वार्टर में पति के साथ रहती थी।
कुछ दिनों पहले उन्हें क्वार्टर खाली करने को कहा था। और काम काज को लेकर महिला के पति को डांटा था। इस बात से वे नाराज थे और छेड़छाड़ का आरोप लगाया जो झूठा है। पुलिस जांच में सबकुछ साफ हो जाएगा।


