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खीमाराम मेवाडा
सुविधा केंद्र बन रहे शराबी तत्वों के अड्डे, प्रशासन बेपरवाह
तखतगढ़ में जगह-जगह लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए मूत्रालय सफाई के अभाव में चढ़ रहे गंदगी की भेंट, आमजन परेशान विकलांगों के लिए सुविधाओ का अभाव
तखतगढ 26 मई;(खीमाराम मेवाडा) चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी यह कहावत इन दिनों तखतगढ़ में चरितार्थ होती नजर आ रही है। की मुख्य चौराहे से लेकर कस्बे के स्वामी विवेकानंद बस स्टैंड के सामने मेन रोड जगह-जगह नगर पालिका प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर आमजन की सुविधा के लिए बनाये गए मूत्रालय अब भीषण गर्मी एवं शराबी तत्वो के कारण सफाई के अभाव मे फैलती दुर्गंध से आमजन के लिए दुविधा बनते जा रहा है। लेकिन प्रशासन अनजान बना हुआ है। 1 फरवरी 2021 में पालिका चुनाव के दौरान नवगठित भाजपा बोर्ड के अध्यक्ष पद पर ललित रांकावत निर्वाचित होते ही सर्वप्रथम नगर में सफाई व्यवस्था एवं स्वच्छता को लेकर गली मोहल्ला में स्वयं घूम कर बने मुख्यालयों एवं सुलभ कांपलेक्स की हालातों को देख पालिका सफाई कर्मियों को निरंतर पानी के टैंकर से धुलाई कर सफाई अभियान तो चलाया लेकिन आज वही ढाक के पात हालात बनकर गंदगी की भेंट चढ़े हुए हैं। जो इन दिनों भीषण गर्मी में भी लाखों रुपए खर्च कर बनाये गए मूत्रालय अब असामाजिक तत्वों एवं शराबियों का अड्डा बन गया है। जहां इमरजेंसी सुविधा के लिए आमजन या फिर महिलाओं के लिए भी जाना मुश्किल हो गया है। लेकिन स्थानीय नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही कहें या हठधर्मिता के कारण ध्यान नहीं देने से लोगों को सुविधा तो नहीं मिल रही। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसा ही – मामला प्रत्यक्ष देखने को मिल रहा है। दरअसल वर्ष 2016 में आमजन की इमरजेंसी सुविधा के लिए बस स्टैंड के सामने ही नगर पालिका प्रशासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बस स्टैंड के सामने मेन रोड पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मुत्रालय का निर्माण करवाया। जिसमें एक तरफ पुरुष व दूसरी तरफ महिलाओं के लिए अलग-अलग बनवा कर उसके ऊपर पानी की टंकी लगाकर दोनों साइटों में नल कनेक्शन देकर बेसिक भी लगवाए साथ ही मूत्रालय के ऊपर सौर ऊर्जा प्लेट लगाकर लाइटों की व्यवस्था भी कर रखी थी। लेकिन रखरखाव एवं साफ-सफाई के अभाव में रात्रि के समय असामाजिक तत्व एवं शराबियों द्वारा शराब पीकर पर खाली पव्वे डालने से पूरी तरह गंदगी की भेंट चढ़ गया है। जहां ना तो टंकी में पानी भरा जाता ना ही लाइट की व्यवस्था और बेसिक मे शराब के पव्वे पड़े नजर आ रहे हैं। ऐसे में आमजन को इमरजेंसी सुविधा नहीं मिलने से आसपास के व्यापारियों एवं आवागमन करने वाले लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
इनका कहना है, नगर पालिका प्रशासन द्वारा जब लाखों रुपए खर्च कर मूत्रालय बनाने के बाद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जहां एक तरफ भीषण गर्मी और दूसरी तरफ शराबी तत्व द्वारा अंदर शराब के पव्वे डालकर गंदी फैला रहे हैं। वही निरंतर सफाई नहीं होने से आमजन हैं। लेकिन नगर पालिका प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में राहगीरों के लिए यह सुविधा अब दुविधा बनती जा रही है।
— केसाराम कुमावत व्यवसायी नया बस स्टैंड
जब सरकार इतना बजट दे रही है तो विकलांगों के लिए सुविधा क्यों नहीं- इसी प्रकार एक प्रबुद्धजन मैं बताया कि विवेकानंद बस स्टैंड के सामने और परिसर के नीचे बना मूत्रालय में टाइल्स टूटी पड़ी हुई है जिसकी अंदर जाने के लिए सीढ़ियां से तो बुजर्ग या विकलांग व्यक्ति चढ़ नही सकता। उन्होंने बताया कि जब सरकार इतना बजट दे रही है तो रेलवे स्टेशनो की तरह विकलांग व्यक्तियों के लिए शौचालयो की व्यवस्था भी होनी चाहिए। जबकि यहां तो विकलांग व्यक्तियों एवम बुजर्ग पुरुष- स्त्रीयो के लिए कोई व्यवस्था नहीं दिख रही