
PALI SIROHI ONLINE
पाली-तालाब में सैकड़ों मछलियां मरकर किनारे पर आ गई। गांव वाले अब तालाब के पानी का इस्तेमाल खुद के पीने या मवेशियों को पिलाने से हिचक रहे हैं। उनका कहना है कि पानी की जांच होनी चाहिए। पता लगाया जाना चाहिए कि मछलियां और दूसरे जलीय जीव क्यों मर रहे हैं। मजबूरी में गांव वालों को 1000 से 1500 रुपए में पानी के टैंकर डलवाने पड़ रहे हैं।
मामला पाली जिला मुख्यालय से करीब 14 KM दूर मंडली दर्जियान गांव का है। गांव के लोग पानी की आपूर्ति के लिए तालाब पर निर्भर हैं। यहां कुछ दिन से लोगों को तालाब की पाल पर सैकड़ों मछलियां और कुछ कछुए मरे हुए मिल रहे हैं।
बदबू से हाल बेहाल
गांव के लोगों का कहना है कि मछलियां सैकड़ों की तादाद में मरी हुई हैं। तालाब के पास जाते ही भयंकर बदबू आ रही है। जलीय जीव क्यों मर रहे हैं, यह जांच का विषय है। तालाब का पानी दूषित हो गया है।
हम तालाब के पानी को पीने के काम में लेते रहे हैं। लेकिन मछलियां मरने की घटना के बाद से यह पानी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। पानी पिएंगे तो बीमार पड़ जाएंगे। मजबूरी में टैंकर मंगा रहे हैं। वरना इसी तालाब के पानी के पीने के काम में लेते रहे हैं। हमारी मांग है कि मामले की जांच की जाए, आखिर मछलियां और अन्य जलीय जीव क्यों मर रहे है?
मछलियां मरने से दूषित हुआ पानी
ग्रामीण जसवंत सिंह (65) ने बताया तालाब में पानी है लेकिन मछलियों के मरने से दूषित हो गया है। ऐसे में पीने में उपयोग नहीं कर सकते। गांव में पेयजल कनेक्शन तो हैं लेकिन सप्लाई एक सप्ताह में एक बार होती है। उसमें भी पर्याप्त पानी नहीं मिलता।
ऐसे में तालाब पर ज्यादा निर्भर हैं। लेकिन अब मछलियों के मर जाने के कारण रुपए खर्च कर पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।
तालाब की पाल के पास कुत्तों का जमावड़ा
ग्रामीण विक्रम पुरी (58) ने बताया- मरी हुई मछलियां खाने के लिए तालाब के पास कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है। मामले की जांच होनी चाहिए। पानी का संकट हो गया है। 1000 से 1500 रुपए तक खर्च कर पीने के पानी का टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं।
जन प्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसको लेकर शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस दौरान यहां बाबूसिंह राजपुरोहित, राणाराम गहलोत, मांगीलाल जाट, छत्रसिंह राजपूत, भंवर गिरी, प्रेम गिरी,
नारायण देवासी, शैतानराम देवासी, नारायण घांची, ओमाराम सुधार सहित कई ग्रामीण तालाब पर मौजूद रहे।