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आबूरोड-आबूरोड के भाखर क्षेत्र में होली पर एक अनूठी परंपरा निभाई गई। होलिका दहन के बाद मध्यरात्रि में युवाओं ने अंगारों पर नंगे पांव चलकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।
भाजपा मंडल अध्यक्ष देवाराम ने इस परंपरा के पीछे की मान्यता बताई। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में यह माना जाता है कि इस परंपरा से सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह भक्त प्रह्लाद की कथा से भी जुड़ी है। जब होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठी, तो बुराइयां जल गईं लेकिन भक्त बच गए।
स्थानीय निवासी रामलाल रनोरा ने बताया कि यह आस्था का प्रतीक है। आदिवासी लोग मन्नत पूरी होने पर इस तरह अग्नि परीक्षा देते हैं। यह परंपरा जम्बूड़ी, उपलागढ़, पाबा और उपलाखेजड़ा सहित कई गांवों में प्रचलित है। पूरे आदिवासी क्षेत्र में होली का त्योहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है।



