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खीमाराम मेवाडा
सरकार प्रदेश में शराब नीति पर कठोर कानून बनाकर राजस्थान में हो रहे बेघरों को बचाएं , पादरली
शराब पीने वालों के घर लोग लड़की देना या सामाजिक व्यवहार उस परिवार से करना पसंद नहीं करता वही शराब वाइंस पूर्ण रूप से बंद हो
तखतगढ 17 अप्रैल;(खीमाराम मेवाडा) राजस्थान मै शराब की प्रचलन से युवाओं का बिगडता भविष्य और लाखों लोगों के उजडते घर उजड़ रहे घरो एव बढ़ते तमाम प्रकार के अपराधों को लेकर राजस्थान प्रदेश में शराब वाइंस एवं दारू पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने की मांग उठाई है। जिस को लेकर किसान संघर्ष समिति आहोर सुमेरपुर के उपाध्यक्ष जब्बर सिंह भोमीया पादरली ने राजस्थान सरकार मुख्य मंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेज कर अवगत करवाया की आज राजस्थान में बढती शराब की प्रचलन से युवाओं का भविष्य बिगड़ रहा है। जिस से लाखों लोगों के घर उजड़ रहे है। साथ ही शराबियों के घरों में रोज झगड़े टंटे मारामारी हत्याएं चोरियां डकैतियां अपहरण बलात्कार न जाने तमाम प्रकार के गंभीर अपराध बढते जा रहे है।
पत्र में यह भी बताया कि शराब का नशा जितना घातक है। उतना उसके समान दूसरा कोई नहीं हो सकता। यहां तक कि कई शराब पीने वाले आत्महत्याएं कर चुके है। आज शराब पीने वालों के घर लोग लड़की देना या सामाजिक व्यवहार उस परिवार से करना पसंद नहीं करता है। शराबियों के परिवार नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हो रहे है। शराब सभी जगह हाईवे पर जगह जगह वाइंस की दुकानें लगी हुई है। जितना पियो धाप के पियो मारो मरो या कुछ भी करो। उनका दावा है। कि शराब से ज्यादा घातक नशा कोई हो भी नहीं सकता।
उनहोने मुख्यमंत्री से मांग की है की आप स्वयं ब्राह्मण परिवार से हो दर्खास्त करता हु कि पाप एवं धर्म के तत्वों को हमारे शरीर से नष्ट करने वाला नशा शराब को राजस्थान से पूर्ण रूप से बंद करने एवं पीनेवाले लोगों के खिलाफ भी वही नियम लागू करे जो वर्तमान में अफीम डोडा जैसे मादक पदार्थों पर जो सरकार एवं पुलिस प्रशासन अभियान चला रही है। वो वास्तव में सराहनीय एवं प्रशंसनीय हैं। उसी प्रकार विश्वास है कि शीघ्र ही शराब नीति पर कठोर कानून बनाकर राजस्थान में हो रहे बेघरों को बचाएंगे लाखों लोगों के घर का क्लेश मिटाएंगे ऐसी हमे आपकी सरकार से अपेक्षाएं है। अगर सरकार ने शराब नीति पर कठोर कानून नहीं बनाया तो सरकार पर प्रश्नचिन्ह लग सकता है। और इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया तो हम जनजागरण चलाकर सरकार पर दबाव बनाने को मजबूर होना पड़ेगा।