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पाली-पाली जिले के सोजत सिटी में मवेशियों की वजह से हुई युवा मेहंदी कारोबारी की मौत के मामले में अपर एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गढ़वाल ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कोर्ट ने हादसे को लेकर सोजत नगर पालिका ईओ, सभापति व स्वायत शासन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। और नगर पालिका सोजत पर 44 लाख 10 हजार 480 रुपए का भारी हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि मृतक के आश्रितों को क्षतिपूर्ति के रूप में यह हर्जाना राशि दी जाए। मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से एडवोकेट गजेंद्र दवे ने पैरवी करते हुए इस घटना के लिए नगर पालिका
प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
अभियोजन के अनुसार 21 मई, 2015 को सोजत सिटी में मेहंदी उद्यमी 45 वर्षीय नरेंद्र टांक उर्फ गुड्डडुसा दिन में बाइक लेकर घर की ओर जा रहे थे। सड़क पर दो मवेशी लड़ रहे थे, जिनकी चपेट में बाइक सवार नरेंद्र टांक आ गए। सांड के सींग से सिर में गंभीर चोट लगने से नरेंद्र टांक गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्होंने उपचार के दौरान उसी दिन दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद पत्नी ज्योति टांक, पुत्र कुणाल व बेटी भूमिका की ओर से पुलिस में नगर पालिका ईओ, अध्यक्ष, स्वायत्त शासन विभाग व राज्य सरकार के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।
नगर पालिका ने कह दिया था शहर में बेसहारा गोवंश नहीं
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोजत नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष एवं अधिशासी अभियंता की ओर से जवाब दावा में बताया गया कि सोजत नगर पालिका क्षेत्र में बेसहारा पशु, गाय अथवा सांड है ही नहीं। नरेंद्र की मौत किस तरह से हुई इसकी जानकारी नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद 29 मार्च को फैसला सुनाते हुए नगर पालिका प्रशासन को इस हादसे में लापरवाही बरतने का दोषी मानते हुए आदेश जारी किया।
झगड़ते हुए बाइक से टकराए थे, सिर, फेफड़ों में आई थी गंभीर चोट
पुलिस ने जांच कर 30 जून, 2015 को जांच नतीजा कोर्ट में पेश किया। जांच में पाया गया कि गाय व सांड सड़क पर भटक रहे थे। दो सांड आपस में लड़ते हुए मृतक नरेन्द्र कुमार की बाइक से टकरा गए, जिससे नरेन्द्र कुमार के सिर पर गंभीर चोटें आई और दोनों लंग्स में गम्भीर चोट से मौत हो गई। जांच में यह भी बताया कि नगर पालिका के उपेक्षापूर्ण कार्य के चलते बेसहारा पशु मुख्य सड़क पर उत्पात मचा रहे थे। इसके कारण ही मेहंदी कारोबारी नरेन्द्र की मौत हो गई थी।


