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बाड़मेर के जैसलमेर रोड पर 28 मार्च को हुए सड़क हादसे में एक अन्य डॉक्टर की जान चली गई। डॉक्टर नरेश जांगिड़ का अहमदाबाद में उपचार चल रहा था, लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके। मंगलवार को जब शव गांव पहुंचा तो हर किसी की आंखे नम थीं। उनके पैतृक गांव होडू में उनका अंतिम संस्कार किया गया जहां सात महीने का बेटा सात्विक भी मौजूद था। उसने ही पिता को मुखाग्नि दी
दरअसल 28 मार्च की रात को मेडिकल कॉलेज के पास सड़क दुर्घटना में दो डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गई थी। उनमें डॉक्टर अशोक और रमेश विश्नोई शामिल थे। इसके अलावा जूनियर रेजीडेंट नरेश जांगिड गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिनको जोधपुर रेफर किया गया और बाद में वहां से अहमदाबाद के लिए रेफर किया गया। इस दौरान हालात और ज्यादा बिगड़ते चले गए।
मंगलवार को जब शव गांव लाया गया तो गांव में चीख-पुकार मच गई। डॉक्टर नरेश जांगिड़ सांचौर के गोपाल नगर के रहने वाले थे लेकिन उनकी जड़ें उनके पैतृक गांव होडू से जुडी हुई थीं। नरेश के पिता पोकराराम भी मेल नर्स हैं और पच्चीस साल से सरकारी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने ही बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना देखा, लेकिन किसे पता था डॉक्टर बेटा सिर्फ 27 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कहेगा। नरेश की तीन साल पहले ही राधा नाम की युवती से शादी हुई थी और सात महीने पहले ही वे पिता बने थे।


