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सिरोही-सिरोही में एक मजदूर ने जीआरपी पर बेवजह परेशान करने और झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाते हुए एसपी से न्याय की गुहार लगाई है। उसने आरोप लगाया कि कुछ लोगों के कहने पर पुलिस उसे बेवजह टॉर्चर करती है।
पीड़ित कमलेश कालबेलिया ने बताया कि वह सात छोटे बच्चों का पिता है। वह सिरोही में हवाई पट्टी के पास गोयली रोड पर एक कच्ची झोपड़ी में रहता है। मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। आबू रोड में रहने वाले उनके ही समाज के कुछ लोग गलत काम करते हैं। जब वे पकड़े जाते हैं, तो पुलिस को कमलेश का नाम बता देते हैं। इसी परेशानी से तंग आकर वह आबू रोड छोड़कर सिरोही आ गया।
होली से पांच दिन पहले जीआरपी पुलिस डूंगरपुर की टीम उनकी झोपड़ी पर आई। बिना किसी सबूत के उन्हें जबरन डूंगरपुर ले गई। वहां उनके साथ मारपीट की गई। चोरी के झूठे मामले में जेल भेज दिया गया। वहां ले जाकर पुलिस की गाड़ी से कुछ चोरी का सामान निकाल कर उसे कहा कि यह माल तुमने चुराया है। इसको मंजूर करो वह जबरदस्ती उसके साथ मारपीट कर झूठी बरामद की बात कर चोरी के मामले में फंसा दिया। उनका टेंपो भी जब्त कर लिया गया। जमानत और टेंपो छुड़ाने में कमलेश को 15 से 20 हजार रुपए का नुकसान हुआ। अब उन्होंने एसपी से इस परेशानी से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
इससे पूर्व जवाई बांध जीआरपी वाले भी उसे डेढ़ साल पूर्व पकड़ कर लेकर गए थे। उसमें भी चोरी के मुकदमे में फंसाया था। रिपोर्ट में बताया कि 4 अप्रैल को भी पिंडवाड़ा से किसी का खुद को पुलिस का बताते हुए फोन आया था, उसे कहा कि किसी मुकदमे में मदद की जरूरत है और उसे शक है कि उसे बेवजह फिर चोरी के मामले में झूठा फंसा कर मारपीट की जाएगी। सिरोही एसपी से गुहार लगाते हुए कहा कि उसे गरीब व्यक्ति पर बार-बार अत्याचार कर झूठा फंसाया जा रहा है, उसे न्याय दिलवाया जाए।


