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सिरोही-मंडवारिया में रावल ब्राह्मण समाज झोरा परगना सेवा समिति ने समाज भवन में पंचम स्नेह मिलन और स्टूडेंट्स सम्मान समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि परोपकार ही सच्चा धर्म है।
उन्होंने कहा कि रावल ब्राह्मण समाज ने परोपकार को अपनाया है। गौ सेवा के क्षेत्र में समाज की सक्रिय भागीदारी है। समाज की दान और सहयोग की परंपरा गौरवशाली है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में शिक्षा के लिए माता सरस्वती, शक्ति के लिए माता दुर्गा, धन के लिए माता लक्ष्मी और स्वाभिमान के लिए माता पार्वती का आशीर्वाद लिया जाता है। लोढ़ा ने नारी शक्ति को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है, वह घर सुख-समृद्धि से भरा रहता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन की पहली पाठशाला परिवार होती है। बच्चा माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों से ही जीवन की शुरुआती शिक्षा प्राप्त करता है। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार से मिली शिक्षा सफलता का रास्ता दिखाती है, लेकिन लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सही मार्गदर्शन जरूरी है। यह मार्गदर्शन केवल गुरु ही दे सकते हैं।
लोढ़ा ने कहा कि महान दार्शनिक अरस्तू की हो या स्वामी विवेकानंद की, इनके समग्र दर्शन और व्यक्तित्व के पीछे गुरु कृपा का आलोक ही काम कर रहा था। स्वामी विवेकानंद ने तो स्वयं ही स्वीकार किया था कि यदि गुरु रूप में रामकृष्ण परमहंसजी नहीं मिले होते तो मैं साधारण नरेंद्र से ज्यादा कुछ नहीं होता। हर माता-पिता की चाहत होती है उनकी संतान श्रेष्ठ होकर शीर्ष तक पहुंचे। समय रहते बच्चों के लिए कोई योग्य गुरु ढूंढ़ दीजिए। वे वहीं पहुंच जाएंगे, जिस मुकाम पर आप उन्हें देखना चाहते हैं। हालांकि श्रेष्ठ गुरु मिल जाना भी इस दौर की बड़ी चुनौती है।
इस दौरान समाज की बालिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी और होनहार स्टूडेंट्स को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर अवधेश चैतन्य महाराज का सानिध्य रहा। इस दौरान पूरण पूरी महाराज ने भजन प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में किशोर रावल, दिनेश रावल, अर्जुन रावल, शिक्षाविद रमेश रावल, समाजसेवी दलपत रावल, गोयली पूर्व सरपंच मीरा देवी रावल, मांगीलाल रावल मौजूद रहे। संचालन भरत कुमार रावल ने किया


