
PALI SIROHI ONLINE
भीनमाल-भीनमाल के पास स्थित मोदरान का श्री आशापुरी महोदरी माताजी मंदिर में होली के त्योहार के तीसरे दिन यहां विशाल मेले का आयोजन होता है। इस मेले में साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। भक्तगण माताजी को सप्तरंगी चुनरी, नारियल और प्रसाद अर्पित करते हैं। दुर्गा सप्तशती में भी महोदरी माता का उल्लेख मिलता है।
श्री आशापुरी महोदरी माताजी चौहान वंश और भंडारी समाज की कुलदेवी हैं। प्राचीन काल में यह स्थान महोधरा के नाम से जाना जाता था, इसलिए माता को महोदरी के नाम से भी पुकारा जाता है। महिषासुर का वध करने के कारण माता को महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है। जूनागढ़ के राजा खंगार चुड़ासमा की पटरानी शीतल सोलंकणी की मनोकामना पूरी होने पर उन्हें आशापुरी माता के नाम से जाना जाने लगा।



