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जालोर-जालोर शहर में एक निजी बिल्डिंग में किरायेदार ने कोर्ट के आदेश के बावजूद दुकान खाली नहीं की। इस पर कोर्ट के आदेश पर कर्मचारियों ने बुधवार को दुकान के मुख्य गेट पर लगे ताले को तोड़ दिया और दुकान प्रार्थी को सौंपी।
प्रार्थी के वकील कमलेश कुमार सोनी ने बताया- जालोर निवासी प्रार्थी दुकान मालिक चन्द्र प्रकाश गोद पुत्र नेनमल ने करीब 2007 में जालोर निवासी हीराचंद्र पुत्र लालचंद्र को 11 माह के इकरारनामा बनाकर 3500 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से दुकान किराए पर दी थी। उसने 5 माह तक समय पर किराया दिया। इसके बाद किराया देना बंद कर दिया। इसके बाद दुकान मालिक ने इकरारनामा पूरा होने पर दुकान को खाली करने के लिए कहा, तो हीराचंद्र ने दुकान खाली नहीं की। इसके बाद प्रार्थी ने करीब 2007 में कोर्ट की शरण ली।
कोर्ट में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने किरायेदार को दुकान को तुरन्त प्रभाव से खाली करने के साथ बकाया 16 लाख 24 हजार 177 रुपए प्रार्थी को अदा करने का आदेश दिया। इसके बाद भी किराएदार हीराचंद्र ने दुकान खाली नहीं की। इसके बाद किराया नहीं देने पर कोर्ट के आदेश से 9 अप्रैल की शाम करीब 5 बजे विवादित दुकान के मुख्य गेट पर लगा ताला तोड़ कर दुकान प्रार्थी चंद्रप्रकाश को सौंप दी।


