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पाली। चंडावल थाना क्षेत्र के अटबड़ा गांव में दबंगों द्वारा किशोरी और युवक से बेरहमी से पिटाई और मारपीट से आहत लड़की द्वारा आत्महत्या करने के मामले में जांच में नित नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गांव के गलियारे में घटना वाले दिन मृतका अपने रिश्तेदार से बात कर रही थी। उस समय एक और लड़की भी उनके साथ मौजूद थीं।
गांव की गली में दलित लड़का-लड़की को बात करते देख भड़के दबंगों ने न केवल दोनों से बेरहमी से मारपीट की, बल्कि आगाह किया था कि यदि वे दोनों फिर गांव में बात करते नजर आए तो ठीक नहीं होगा। इस घटना से किशोरी इतना घबरा गई थी कि उसने घर जाते ही फांसी लगा आत्महत्या कर ली। पीड़ित युवक आरोपियों की धमकी से घबरा बाइक लेकर अपने गांव चला गया। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने लड़की के परिजन पर दबाव बना पुलिस को सूचना दिए बगैर उसका शव दफना अंतिम अटबड़ा गांव में गड़ा शव निकाल फिर से दफनाने की कार्रवाई करती मेडिकल टीम।
संस्कार करवा दिया था, दूसरे दिन पीड़ित युवक के पिता पर 50 हजार रुपए का दंड वसूला वसूला था। इस बात की जानकारी मिलने पर घबराए युवक ने जान देने के लिए जहर खा लिया था, इसका अब भी उपचार चल रहा है। मामले की जांच कर रहे सीओ सोजत जेठूसिंह करणोत ने बताया कि आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित और दलित अत्याचार के इस केस में हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। मामले में में आरोपियों आरोपियों की तलाश की जा रही है।
गाड़ा शव निकाल मेडिकल बोर्ड से मौके पर पीएम करा फिर दफनाया
चंडावल थाने में 17 अप्रैल को इस केस के बाद पुलिस ने एसपी चूनाराम जाट के निर्देश पर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट एलएल मंत्री से दफनाए शव को बाहर निकालने की अनुमति मांगी थी। शुक्रवार को कलेक्टर के आदेश पर मेडिकल बोर्ड गठित सोजत एसडीएम माशिंगाराम जांगिड़ और मृतका के परिजनों की मौजूदगी में गाड़े हुए शव को निकलवाया।
कलेक्टर के निर्देश पर गठित बोर्ड ने मौके पर ही पोस्टमार्टम किया, इसके बाद शव को फिर से दफनाया गया। ज्ञात रहे कि 9 मार्च को सुबह सिनला गांव का पीड़ित अनिल मेघवाल अटबड़ा गांव में रिश्तेदार नाबालिग उर्मिला मेघवाल से उसकी सहेली के साथ घर के पास खड़ा होकर बातें कर रहा था।
इस दौरान वहां जितेंद्र पंवार सीरवी, ओगड़राम सीरवी, भंवरलाल सीरवी समेत आठ से दस लोगों ने मारपीट की और डरा धमका कर वहां से भगा दिया था। दुबारा गांव में नहीं दिखने की धमकियां दी थी। घटना से घबराई नाबालिग उर्मिला मेघवाल ने घर पहुंच फांसी लगा आत्महत्या कर ली। दूसरे दिन 10 मार्च को रिश्तेदार द्वारा सुसाइड की जानकारी पर अनिल ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया, जिसका अब भी उपचार चल रहा है।


