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जोधपुर-जोधपुर स्थाई लोक अदालत ने बिल्डर द्वारा समय पर मकान नहीं देने के मामले में निर्णय देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने वादा अनुसार समय पर विला का निर्माण व कब्जा नहीं देने और वचनबद्ध किराया नहीं चुकाने के मामले में बिल्डर कंपनी स्काइपीअर इंडिया बिल्ड एलएलपी को 3.65 लाख रुपए हर्जाना तथा जमा की गई 36 लाख की राशि लौटाने का आदेश दिया।
स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष सुकेश कुमार जैन ने मामले में स्पष्ट रूप से कहा कि उपभोक्ता को उसके वैध अधिकारों से वंचित करना गंभीर लापरवाही है, जिसे किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। परिवादी महेश चावला ने अधिवक्ता योगेश ओझा के माध्यम से स्थाई लोक अदालत में याचिका दायर की। परिवाद में बताया कि उन्होंने वर्ष 2016 में जयपुर और जोधपुर स्थित स्काइपीअर इंडिया बिल्ड कंपनी से 36 लाख का भुगतान देकर विला बुक करवाया।
कंपनी ने यह वादा किया था कि निर्माण के बाद 12 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से किराया भी दिया जाएगा, लेकिन 9 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद भी न तो विला का निर्माण पूरा किया गया, न ही कोई किराया दिया। अदालत द्वारा भेजे गए नोटिसों के बावजूद कंपनी ने जवाब नहीं दिया। अदालत ने बिल्डर कंपनी को आदेश दिया कि वह 6 माह के भीतर विला तैयार कर उपभोक्ता को कब्जा सौंपे। ऐसा करने में असफल रहने पर कंपनी को 36 लाख की जमा राशि के साथ-साथ अतिरिक्त 3.65 लाख रुपए हर्जाना


