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उदयपुर-मुंबई के अस्पताल में भर्ती मरीज को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया और परिवार वाले उसके शव को एंबुलेंस से उदयपुर के सायरा में अपने गांव ले आए। अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली इस बीच खबर लगी कि उनकी सांसें चलने लगी तो बीच रास्ते से वापस उदयपुर के सरकारी अस्पताल में ले गए।
मामला उदयपुर के सायरा थाना क्षेत्र के झालों का कलवाणा का है। वहां के निवासी धनसिंह राजपूत (60) मुंबई के जवेरी बाजार में एक ज्वैलर्स की दुकान पर काम करते है। गुरुवार सुबह धन सिंह को हार्ट अटैक आया तो स्टाफ ने उसे मुंबई के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। दुकान मालिक ने इसकी सूचना धन सिंह के परिजनों यहां गांव में दी।
गांव में उसकी मौत की खबर सुनकर गमगीन माहौल हो गया। मुंबई से परिजन उसके शव को लेकर उदयपुर के लिए रवाना हुए और यहां गांव में अंतिम संस्कार की तैयारियों के लिए बोल दिया था।
बताते है कि दुकान मालिक परिवार के साथ धनसिंह के अंतिम दर्शन के लिए झालों का कलवाणा आने के लिए वे शुक्रवार को उदयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे और वहां से कार के द्वारा झालों का कलवाणा रवाना हुए।
इस बीच एम्बुलेंस सुबह करीब 9 बजे धनसिंह के गांव से पहले सेमड़ पहुंच चुकी थी, चूंकि मुंबई से मालिक के आने में देरी हो रही थी इसलिए एम्बुलेंस को गांव नहीं ले जाकर सेमड़ में ही रोक दिया। दुकान मालिक की कार से जैसे ही सेमड़ पहुंचे। दर्शन के लिए वहां एम्बुलेंस का गेट खोला तो सब हैरान रह गए।
धनसिंह की तो सांसें चल रही थी। यह देख वहां मौजूद लोग सन्न रह गए। बाद में धन सिंह को गांव की बजाए तत्काल उदयपुर के एमबी अस्तपाल में ले गए। यहां एमबी अस्पताल में धनसिंह को वेंटिलेटर पर लिया गया। इधर गांव में छाया मातम का माहौल खुशी में बदल गया।
मरीज कौमा में है, वेंटिलेटर पर लिया
उदयपुर के एमबी अस्पताल के सहायक आचार्य डा. धीरज कुमार मित्तल ने बताया कि मरीज को यहां लेकर आए और हमने उनका उपचार शुरू कर दिया। उनके पहले की कोई हिस्ट्री हमे नहीं दी गई। मरीज कौमा में है और उसकी बीपी नहीं आ रही है। मरीज को वेंटिलेटर पर ले रखा है।


