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राजस्थान के झुंझुनूं के नवलगढ़ उपखंड के बड़वासी गांव के पास 13 मई की रात को सड़क दुर्घटना का रूप देकर कारी निवासी महिला कृष्णा देवी हत्या के मामले में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या का मुख्य षड्यंत्रकर्ता महिला कृष्णा देवी का पति सहीराम ही है, जिसने बीमा क्लेम के लालच में यह घिनौनी साजिश रची।
पुलिस के अनुसार सहीराम सैनी ने 11 और 12 मई को अपनी पत्नी को इलाज के बहाने जयपुर ले जाकर योजना को अंतिम रूप दिया। 11 मई को वह पत्नी को बाइक से पहले नवलगढ़ लाया और बस डिपो के पास यह कहकर छोड़ दिया कि वह बाइक किसी परिचित के पास खड़ी करके आ रहा है। इसके बाद वह भगेरा निवासी सचिन कुमावत के कैफे पर गया और हत्या की सुपारी के रूप में उसे 50 हजार रुपए नकद और दो खाली चेक सौंपे।
वीडियो भी बनाया
सहीराम ने सचिन से कहा कि हत्या के बाद मेरी पत्नी की बीमा पॉलिसियों से मोटी रकम मिलेगी। तुम इन चेकों में अपनी मर्जी से 5 लाख तक की रकम भरकर निकाल लेना। उसने सचिन को भरोसा भी दिलाया कि यदि हत्या का राज खुला तो वह सारा दोष अपने ऊपर ले लेगा। यही नहीं उसने मौके पर एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें वह खुद को पत्नी की हत्या का अकेला जिम्मेदार बता रहा है।
चार लोगों ने मिलकर दिया वारदात को अंजाम
सचिन ने लालच में आकर हत्या की योजना में तीन अन्य साथियों मुकेश, प्रदीप सिंह और अमृत उर्फ रामसिंह बंजारा को शामिल कर लिया। 12 और 13 मई की मध्य रात्रि लगभग 1 बजे चारों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार सहीराम ने 12 मई को रात में जयपुर से लौटते समय बड़वासी गांव के पास जानबूझकर बाइक गिरा दी। जैसे ही पत्नी सड़क पर गिरी, पीछे से आई सचिन की कार रुकी। कार से प्रदीप और अमृत उतरे और उन्होंने कृष्णा देवी के सिर पर पत्थरों से वार किया।
घायल महिला को मरा समझकर उन्होंने सड़क के बीच घसीट दिया और गाड़ी लेकर आगे बढ़ गए, लेकिन तभी सहीराम ने सचिन को दोबारा फोन कर कहा कि अब भी मरी नहीं है, गाड़ी वापस लाओ और ऊपर से कुचल दो। लेकिन आरोपी डर गए और घायल कृष्णा को कुचले बिना लौट गए। इसी दौरान कृष्णा देवी की मौत हो गई। बाद में सहीराम ने ही एंबुलेंस को कॉल कर पत्नी को नवलगढ़ अस्पताल पहुंचाया।
52 लाख के बीमा क्लेम के लिए रची गई थी साजिश
जांच में खुलासा हुआ है कि सहीराम ने अपनी पत्नी के नाम पर विभिन्न बीमा योजनाओं के तहत लगभग 52 लाख रुपए का बीमा क्लेम तैयार कर रखा था। उसने पत्नी कृष्णा के नाम से एलआईसी से 13 लाख का बीमा करवा रखा था, जिसमें दुर्घटना में मृत्यु पर 26 लाख रुपए का क्लेम मिलना था। इसके अलावा अपनी मोटरसाइकिल की बीमा करवा रखी थी, जिसमें करीब 15 लाख के क्लेम का प्रावधान है। बैंक से पत्नी के नाम 13 लाख के गोल्ड लोन के बदले 13 लाख का बीमा करवाया था।
कृष्णा ने आखिरी बार पीहर में की थी बात
12 मई को सहीराम अस्पताल से निकलकर पत्नी को इधर उधर घुमाने के बहाने जान बूझकर देर करता रहा। पत्नी कृष्णा ने रात को जयपुर से करीब 8 बजे खंडेला स्थित अपने पीहर में बात की। पीहर वालों ने भी कहा कि रात को खंडेला आ जाओ, सुबह चले जाना, लेकिन सहीराम ने उसे जबरदस्ती रोक लिया और देर रात साजिश के तहत नवलगढ़ लेकर आ गया।


