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उदयपुर-पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर डॉ. गिरिजा व्यास का निधन हो गया। अहमदाबाद स्थित हॉस्पिटल में गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे एक महीने पहले गणगौर पूजा के दौरान चुन्नी में आग लगने से झुलस गई थीं। 90 प्रतिशत झुलसने से उनकी हालत बिगड़ती गई और दम तोड़ दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दुख जताते हुए कहा पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है। डॉ गिरिजा व्यास ने शिक्षा, राजनीति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान था। उनका इस तरह एक हादसे का शिकार होकर असमय जाना हम सभी के लिए एक बड़ा आघात है।
मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं।
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट
अहमदाबाद के जायडस हॉस्पिटल से परिवार के लोग उनका शव लेकर उदयपुर आ रहे हैं। उनके अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार का समय अब तय किया जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।
31 मार्च को घर पर झुलसी थी
डॉ. गिरिजा व्यास 31 मार्च को उदयपुर के देत्यमगरी स्थित आवास पर गणगौर का पूजन कर रही थीं। दीपक के कारण उनकी चुन्नी में आग लग गई। घर में ही काम करने वाले एक व्यक्ति ने उनको संभाला। उदयपुर में निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां से उनको अहमदाबाद रेफर किया गया था।
नाथद्वारा में जन्मी थी गिरिजा
राजसमंद जिले के नाथद्वारा में जन्मीं गिरिजा के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। मां शिक्षिका थीं। उन्होंने उदयपुर में आकर उदयपुर यूनिवर्सिटी (वर्तमान में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी) से स्नातक और स्नातकोत्तर किया था। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने उदयपुर के सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था।


