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सीकर-। नियति कभी-कभी अपना क्रूरतम रूप दिखाने लगती है। लक्ष्मणगढ़ की 27 साल की संजू के साथ भी नियति ने कुछ ऐसा ही किया। पिता और भाई की एक हादसे में जान चली गई। मां अस्पताल में संघर्ष कर रही है। कमाने वाला घर में कोई नहीं। ऐसे में हादसे के जिम्मेदार और प्रशासन से भी कोई मदद नहीं मिली। ऐसे समय में सीकर के लोगों ने सोशल मीडिया पर ‘बिटिया को सहायता’ नाम से अभियान शुरू किया। जिसमें दो सप्ताह से भी कम समय में करीब 20 लाख रुपए रुपए जुटा लिए गए।
मां अभी भी अस्पताल में
गत 9 जुलाई को खोरू की भर के पास एक निजी शिक्षण संस्थान की बस ने बाइक को टक्कर मार दी थी। इसमें संजू के भाई निखिल की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पिता मुरारीलाल शर्मा तथा मां उषा देवी बुरी तरह घायल हो गए। उपचार के लिए सीकर ले जाते समय मुरारीलाल ने भी रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घायल मां उषा देवी वर्तमान में उपचार के लिए जयपुर में भर्ती है और जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। उधर प्रशासन और जिम्मेदार संस्था संचालकों ने बेटी संजू को उसके हाल पर छोड़ दिया।
12 दिनों में एकत्र किए 20 लाख रुपए
पीड़ित परिवार की बेटी को अपनी बहन-बेटी मानते हुए क्षेत्र के युवाओं ने सोशल मीडिया में ‘बिटिया को सहायता’ अभियान शुरू किया। लक्ष्मणगढ़ से शुरू हुई मुहिम प्रदेश के बाद देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंची। जयपुर, दिल्ली, मुंबई जैसे स्थानों से यूजर्स ने संजू को सहयोग दिया। अभियान से जुड़े संदीप शर्मा ने बताया कि अभियान में 12 दिनों में 20 लाख रुपए जमा हुए। इस राशि में से छह लाख रुपए की एफडी संजू के नाम कर दी गई ताकि उसकी मूलभूत आवश्यकताएं नियमित रूप से पूरी होती रहें। शेष राशि भी शीघ्र ही परिवार को सुपुर्द की जाएगी।