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रेवदर-40 डिग्री की झुलसाती गर्मी में महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में लिए और घर का सामान सिर पर उठाए प्रशासन से रहम की गुहार लगाती रहीं। महिलाएं तहसीलदार के पैरों पर गिरकर कहती रहीं- साहब, हमारे पास रहने को दूसरा घर नहीं है। लेकिन प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ग्राम पंचायत रायपुर के हडमतियां गांव में दो रहवासी घरों को जेसीबी से ढहा दिया।
तीस वर्षों से निवास कर रहे तुरी समाज के इन परिवारों का दावा है कि वे आबादी क्षेत्र के पास खाली पड़ी भूमि पर टीनशेड से बने घरों में रह रहे थे, जिनमें से एक घर इंदिरा आवास योजना के तहत और दूसरा निजी खर्चे से बनाया गया था। उनके घरों में बिजली कनेक्शन और जलदाय विभाग का हैंडपंप भी लगा हुआ था।
जैसे ही तोड़फोड़ शुरू हुई, बच्चों की चीखें और महिलाओं का विलाप देख मौके पर मौजूद हर व्यक्ति भावुक हो गया। प्रशासन की ओर से मौजूद तहसीलदार ने महिलाओं को समझाते हुए कहा कि यह कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेश की पालना में की जा रही है और जल्द ही उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था दी जाएगी
कार्रवाई के दौरान मंडार नायब तहसीलदार जबरसिंह, थानाधिकारी रविन्द्रपाल सिंह राजपुरोहित, प्रशासक छगनलाल कोली, ग्राम विकास अधिकारी हनुमानाराम विश्नोई, पटवारी केसीदेवी, RI शंकरलाल, सहित भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।
प्रशासक छगनलाल कोली ने बताया कि प्रभावित परिवार को गांव की आबादी भूमि में निःशुल्क पट्टा दिया जाएगा। सामुदायिक भवन में अस्थायी रहने की व्यवस्था की गई है। वहीं, ग्राम विकास अधिकारी हनुमानाराम विश्नोई ने कहा कि प्रभावित परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शामिल किया गया है और जल्द ही उन्हें मकान स्वीकृत कराए जाएंगे।
हालांकि इस कार्रवाई पर सवाल भी उठे। शिकायतकर्ता जब्बरसिंह देवड़ा ने आरोप लगाया कि उन्होंने पूरे खसरे को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने केवल इन दो घरों को ही गिराया, बाकी अतिक्रमण जस का तस है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शेष अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो वे फिर से कोर्ट का रुख करेंगे।


