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पिन्टू अग्रवाल चामुंडेरी बाली/खीमाराम मेवाड़ा/सुरेश कुमावत नाणा
राजस्थान में 1 अगस्त 2024 गुरुवार से राजस्थान में करीबन एक करोड़ से अधिक परिवारों को राशन का गेहूं नहीं मिलेगा सूत्रों के अनुसार राजस्थान में कल से 1 अगस्त 2024 से 26000 से ज्यादा राशन डीलर हड़ताल पर जा रहे हैं राशन डीलरों ने अपनी पोस मशीने भी जमा करवा दी है राशन डीलरों की ओर से प्रदेश में बनाई गई राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति ने 1 अगस्त 2024 से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान किया है
राजस्थान के पाली जिले के बाली काग्रेश नेता और राजेस्थान में सोसियल मीडिया पर चर्चित कम उम्र के लगातार दूसरी बार राज्यपाल से सम्मानित चामुंडेरी (बाली) के सरपंच जसवंत राज मेवाड़ा ओर पाली जिले के बाली ब्लॉक कॉग्रेस अध्यक्ष आदिवासी समाज का बड़ा चेहरा रामपुरा सरपंच कैलाश गरासिया, समिति सदस्य नाना पूर्व सरपच ओर कॉग्रेस की बाली प्रधान प्रत्यासी रही सगीता गरासिया ने राशन डीलरों के समर्थन में आये और बताया कि पाली सिरोही जालौर जिले सहित राजस्थान में करीबन 26000 से ज्यादा राशन डीलर है अगर राशन डीलरों की हड़ताल लंबी चली तो राजस्थान में राशन के गेहूं के पात्र संख्या का एक चौथाई भाग राशन के गेहूओ पर ही निर्भर है उसमें ऐसे बुजुर्ग दंपति जिसके संतान नहीं है या दिव्यांग दंपति या बीमार दंपति जो निशुल्क गेहूं पर व निशुल्क उपचार के साथ अपना जीवन यापन कर रहे हैं ऐसे परिवारों पर संकट या परेशानी आ सकती है
राजस्थान प्रदेश के राशन डीलर हर महीने मानदेय देने सहित बुजुर्ग दिव्यांग उपभोक्ताओं को घर पर राशन पहुंचाने वाले आदेश को हटाने या उसका उचित खर्च देने की मांग कर रहे हैं वही संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री अशोक नरानिया ने बताया कि हम राशन डीलरों की मांगों को अब तक अनदेखा किया गया है अब हम आंदोलन के तौर पर गुरुवार 1 अगस्त से राजस्थान में राशन डीलर अपनी दुकाने बंद रखकर विरोध करेंगे
संघर्ष समिति के पदाधिकारी ने कहा कि एक किलो गेहूं पर 90 पैसा कमीशन मिलता है संघर्ष समिति की मांग है कि डीलरों को हर माह 30000 रुपए का मानदेय दिया जाए वही कई राशन डीलरों का बकाया कमीशन जारी किया जाए
गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राजस्थान में केंद्र सरकार द्वारा करीबन 4 करोड़ 46 लाख सदस्यों या यूं कहे की यूनिट को गेहूं का कोटा जारी होता है वर्तमान में करीबन एक करोड़ 7 लाख परिवारों के करीबन 4 करोड़ 36 लाख सदस्य खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं इसमें से 25% लोग निशुल्क खाद्य सामग्री वह निशुल्क दवाइयां पर ही जीवन यापन कर रहे हैं अगर हड़ताल लंबी चली तो इन परिवारों के लिए संकट खड़ा होने की संभावना जताई जा रही है