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पाली-पाली में जल जीवन मिशन योजना में बिना पाइप लाइन बिछाए ही ठेकेदारों को भुगतान घोटाला किया गया है। ऐसा आरोप लगाते हुए विधानसभा में मारवाड़ जंक्शन विधायक केसाराम चौधरी ने मामला उठाया और पूरे मामले की जांच करवा दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
विधानसभा में मारवाड़ जंक्शन विधायक केसाराम चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की इस योजना में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला हुआ। करीब 125 करोड़ की मेगा प्रोजेक्ट बने योजना के तहत रानी के 68, देसूरी के 78 बट और बाली के 78 गांवों सहित कुल 224 गांवों और 123 ढाणियों में हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइपलाइन बिछाने की योजना स्वीकृत हुई थी।
तीन साल पहले दो फर्मों को ठेका मिला। मगर इन फर्मों ने अफसरों की मिलीभगत से बिना पाइपलाइन बिछाए करोड़ों रुपए का भुगतान उठा लिया।
पाइप लाइन बिछाए बिना कर दिया भुगतान
जवाई क्लस्टर 4 प्रोजेक्ट के तहत कई गांवों में 16,000 मीटर से ज्यादा लंबी पाइपलाइन बिछाई ही नहीं गई। मगर भुगतान कर दिया गया। डायलाना क्लस्टर में पंप हाउस से जंक्शन तक 10 एमएम और 250 एमएम की डीआई 6920 मीटर लंबी पाइपलाइन का भुगतान हुआ।
मगर मौके पर पाइपलाइन नहीं मिली। दांतीवाड़ा क्लस्टर में 6 से 12 सोलंकियान तक 150 एमएम की 3890 मीटर लंबी पाइपलाइन के लिए भुगतान हुआ। मगर वहां भी पाइपलाइन नहीं थी। घाणेराव से घनेरा ईएसआर तक 150 एमएम की 1459 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछानी थी। मगर जांच में मौके पर पाइप लाइन का नामोनिशान नहीं मिला।
ठेकेदार भाग गए, लाइनें बाहर पड़ी, कार्रवाई की मांग
खिंवाड़ा में सिवास तक डीआई पाइपलाइन बिछानी थी। मगर वह भी नहीं थी। जब ठेकेदारों को जांच की भनक लगी तो दीपावली से एक दिन पहले रातभर में पाइपलाइन डालने का दिखावा किया। मारवाड़ जंक्शन के 130 गांवों में 53 ठेकेदारों ने काम किया।
मगर पूरी योजना चौपट हो गई। कई ठेकेदार भाग गए। पाइपलाइनें बाहर पड़ी हैं। विधायक ने इस घोटाले की जांच करवाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।


