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शिवगंज-सिरोही, पाली, जालोर जिले के मीणा समाज का – चोटिला के पास सुकड़ी नदी में भरा 3 दिवसीय – गौतम ऋषि मेला मंगलवार शाम को विसर्जित हुआ। इसके पहले समाज के कई लोगों ने आराध्य देव गौतम ऋषि मंदिर पहुंच धोक लगाई और चौखट चूम कर भूरिया बाबा के जयकारे लगाए। परिवार के लिए सुख समृद्धि व खुशहाली के लिए मन्नतें मांगी। समाज के लोगों की माने तो पिछले साल मेले में 25-30 हजार श्रद्धालु अधिक पहुंचे। इससे फसलों की उपज अच्छी होनी बताई है। मेले में सिरोही जालोर पाली जिले ही नहीं, बल्कि पड़ोसी जिलों व राज्यों में रहने वाले समाज के लोगों ने भाग लिया।
-मेले का दायरा 200 मीटर बढ़ा : मेले के घाट बाजार का दायरा इस बार और बढ़ गया था। अस्थाई रूप से लगने वाली पुलिस चौकी को मेला का दायरा बढ़ने से पुरानी जगह से हटाकर 200 मीटर बाहर स्थापित किया। समाज के लोगों ने बताया कि इस वर्ष हुई अच्छी बारिश से कृषि कुओं में जलस्तर बढ़ने से खेतों में फसलों की उपज पिछले वर्ष से अधिक मिली है। इस वर्ष फसलें अच्छी होती हैं, उस समय मेलार्थियों की संख्या बढ़ जाती है। मेले में 25-30 हजार श्रद्धालु अधिक पहुंचे इससे हाट-बाजार व मंदिर में भीड़ रही। पिछले साल 4 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की थी। सवा चार लाख से अधिक लोगों ने गौतम ऋषि के महाकुंभ में भाग लिया
लोगों ने रवाना होने के पहले आखिरी दिन की खरीदारी
मेले में दोपहर बाद तेज धूप व गर्मी के बावजूद भी मीणा समाज के लोग अपने वाहनों में सवार होकर घरों की ओर रवाना हो गए थे। ट्रैक्टर ट्रॉली, ऊंट गाड़ियों, बैल गाड़ियों समेत विभिन्न वाहनों में सवार होकर भूरिया बाबा के जयकारे लगवाते हुए लोगों को देखा। वाहनों में सवार कई महिलाएं युवतियां मंगल लोकगीत गाती नजर आईं। इसके पहले सुबह हाट-बाजार पहुंच लोगों ने मनपसंद सामग्री की खरीदारी की। बताते हैं कि मेले के अंतिम दिन हाट-बाजार में कई व्यापारी अपनी दुकानों पर बिक्री अधिक करने एवं परिवहन खर्च बचाव करने साम्ग्री की दरें घटा देते हैं। किसी ने प्रसाद ली तो किसी ने मनपसंद वस्तुएं : शाम करीब 6 बजे मेला विसर्जित हो गया था।
कई लोग तो दोपहर 2 बजे से रवाना हो गए थे। वहीं कई लोगों ने मेले की निशानी के रूप में सामान की खरीदारी की तो कइयों ने अपनी जरूरतमंद वस्तुओं को खरीदा। लोगों ने प्रसाद वितरण के लिए दुकानों से स्वीट व अन्य खाद्य सामग्री क्रय की। मेले के समापन दौरान विभिन्न सामग्री की बिक्री होने से व्यापारियों के चेहरे पर रौनक दिखी। देर शाम तक मेले के मागों पर वाहनों का सिलसिला जारी रहा। कई जगह तो वाहनों की लम्बी कतारें लगी हुई दिखी। मेला स्थल से सामान वापस लाने के लिए कई व्यापारियों को वाहन भी उपलब्ध नहीं हुए। ऐसे में उन्हें रात्रि विश्राम भी मेला स्थल पर ही करना पड़ा है। जिनके पास स्वयं के वाहन थे वे ही सामान लेकर रवाना हुए


