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ब्यावर-हिस्ट्रीशीटर तेजपाल सिंह के गुड़िया गांव में किए गए अवैध निर्माण को प्रशासन ने जमींदोज करवा दिया है। बता दें कि ब्यावर जिले में रायपुर थाना क्षेत्र के गुड़िया गांव में बने परिसर में डंपर चालक याकूब काठात को जेसीबी से बांधकर तेजपाल सिंह ने जमकर पीटा था।
पुलिस उपाधीक्षक सत्येंद्र सिंह नेगी के अनुसार, प्रशासन ने हिस्ट्रीशीटर के गुड़िया गांव के फॉर्म हाउस पर बने अवैध निर्माण को जेसीबी से धराशायी करवा दिया। यह कार्रवाई 26 मई को सुबह की गई। तेजपाल सिंह पर युवक याकूब काठात को जेसीबी पर उल्टा लटका कर बुरी तरह से पीटने का आरोप है।
हिस्ट्रीशीटर के मकान पर युवक याकूब काठात की पिटाई के मामले को भी प्रशासन और पुलिस ने गंभीरता से लिया और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए तेजपाल सिंह के मकान के पर बुलडोजर चलाया। इससे पहले 25 मई को तेजपाल सिंह को गिरफ्तार किया और बाजार में जुलूस निकाला गया था। ब्यावर के लोगों ने देखा कि जो तेजपाल याकूब काठात को बेरहमी से पीट रहा था, उसी तेजपाल सिंह को सड़क पर चलने में कठिनाई हो रही थी।
कहा जा सकता है कि पुलिस ने तेजपाल सिंह की गुंडई की हवा निकाल दी। प्रशासन और पुलिस ने यह संदेश दिया है कि यदि कोई दबंग व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोगों ने जताया था आक्रोश
हिस्ट्रीशीटर तेजपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर लोगों ने रविवार को आक्रोश जताया था। लोगों ने रायपुर थाना पुलिस पर भी सवाल उठाए थे। ब्यावर पुलिस अधीक्षक के नाम जैतारण पुलिस उपाधीक्षक सत्येंद्र नेगी को ज्ञापन सौंपकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
क्या हुआ था मामले में
ज्ञापन में बताया कि डंपर चालक याकूब को जेसीबी से लटका कर बेल्ट और डंडे से पीटने के बाद ब्यावर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां तीन दिन तक उसका इलाज चला। चिकित्सकों ने एमएलसी केस की सूचना पुलिस को नहीं दी, जिससे उनकी भूमिका भी संदिग्ध बताई। ग्रामीणों ने पुलिस की खुफिया और बीट व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की।


