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खीमाराम मेवाडा
तखतगढ 25 जून ;(खीमाराम मेवाडा) सरकार ने बडी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। कि प्रत्येक गरीब व पात्र व्यक्ति के रहने के लिए पक्का आशियाना हो, वहीं गरीब भी यहीं उम्मीद लगाए बैठें हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगीं। लेकिन सच तो यह हैं कि आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति तो योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड रहे हैं। लेकिन अमीर, प्रभावशाली लोगों की बल्लें – बल्ले जरूर हो रहीं हैं । मगर गरीब व पात्र व्यक्ति तो अभी भी उक्त योजना में नाम जुड़वाने व लाभ पाने के लिए धक्के ही खाने पड रहें हैं। गुरुवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया है कि जालौर जिले के आहोर उपखंड क्षेत्र के पांचोंटा गांव के मीणों का वास में बुजुर्ग दापु बाई उर्फ धापू बाई का नाम बीपीएल परिवारों की सूची में होने के बाद भी आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। विधवा बुजुर्ग महिला अक्षम और गरीब है और अकेली ही है। राजस्थान सरकार ने बुजुर्ग महिला को खाद्य सुरक्षा योजना में गेहूं और विधवा वृद्धावस्था पेंशन के अलावा किसी भी प्रकार का कोई भी लाभ नहीं दिया है। वर्तमान जहां बुजुर्ग महिला निवास कर रही है। वह पुराने जमाने का कच्चा है और बारिश के दौरान चारों तरफ पानी टपकने से खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि ग्राम पंचायत पांचोटा में पीएम आवास योजना सर्वे लिस्ट में उक्त विधवा महिला का नाम था। जो बिना कारण बताए नाम हटा दिया गया है। जिसका एक बार पुनः ऑनलाइन आवेदन पीएम आवास फार्म भरने के बाद भी न तो सर्वे किया जा रहा है। सरकार हर योजना में दावा कर रही है की अंतिम सौर पर बैठे गरीब परिवारों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर देखा जाए तो सरकार के सभी दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं।






