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उदयपुर-मरीज उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती था। इस बीच आफत ऐसी आई कि छत पंखा नीचे गिर गया। मरीज को लगी चोटों को लेकर उपचार शुरू किया गया। इस बीच मरीज की मौत हो जाती है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज को पंखा गिरने से हेड इंजरी नहीं हुई है उसकी मौत गंभीर बीमारी की वजह से हुई है।
घटना उदयपुर के महाराणा भूपाल (MB) हॉस्पिटल की है। यहां पर चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा के पिपलिया कला निवासी 49 साल के ओमप्रकाश की मौत हो जाती है। असल में हॉस्पिटल के मेडिसिन के 104 नंबर वार्ड में रविवार तड़के छत से पंखा गिर गया। पंखा दो मरीजों के बेड के बीच गिरा था। इससे 11 नंबर बेड पर भर्ती ओमप्रकाश के नाक और होठों पर चोट लगी।
इसके बाद उसका उपचार शुरू किया गया। सुबह करीब 10 से 11 बजे के बीच उसकी मौत हो जाती है। परिजनों का कहना है कि हादसे से पहले ओमप्रकाश ठीक थे। उनकी मौत चोट लगने की वजह से ही हुई।
इधर, एमबी अस्पताल प्रशासन का दावा है कि ओमप्रकाश लंबे समय से टीबी और सांस की बीमारी से ग्रसित थे। अभी निमोनिया भी हो रखा था। फेफड़ों में पानी भर गया था। उन्हें 22 अप्रेल को एमबी अस्पताल में भर्ती किया गया था और वार्ड में ही ऑक्सीजन दी जा रही थी।
एमबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन ने कहा कि पंखा गिरने की जानकारी मिलते ही तुरंत मरीज का उपचार किया गया। पहले से गंभीर होने के कारण सुबह उसकी मौत हो गई। डा. सुमन का कहना है कि पंखा गिरने से किसी प्रकार की हेड इंजरी नहीं हुई थी। पोस्टमार्टम में भी सिर में चोट लगने की पुष्टि नहीं हुई। मरीज सुबह तक होश में ही था। उनकी मौत बीमारी के कारण ही हुई है।
हाथीपोल पुलिस थाने के एएसआई दलपत सिंह ने बताया कि मृतक की पत्नी मुन्नीबाई ने रिपोर्ट दी है। उनका कहना था कि पति की तबियत में सुधार था और पंखा गिरने से चोटे लगी और बाद में पति को आइसीयू में भर्ती कराया और उनकी मौत हो गई। दलपत सिंह ने बताया कि मुन्नी ने बताया कि घर में वह अकेली है, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


