
PALI SIROHI ONLINE
फालना-आज दिनाँक 26 अगस्त 2025 को टाटा ट्रस्ट से ऋचा जी,विश्वम्भर भाई के साथ scu से हमारे सहयोगी राजेश भाई ने एक दिवसीय विजिट की।वे सर्वप्रथम 10.30 पर फालना में संचालित शिविर में पहुंचे।प्रार्थना सत्र के बाद नशा मुद्दे पर आधारित वीडियो दिखाया जा रहा था।वे सभी साथी उसमें शामिल हो गये।चूँकि मुद्दे पर चर्चा होनी थी।वीडियो को रोक कर चर्चा शुरू हुई आगन्तुक भी चर्चा में शामिल हो गए।ऋचा जी किशोरियों के परिवार व परिवेश में हो रहे नशे के विषय में प्रश्न किया।किशोरियों ने इस विषय में उत्तर देने के साथ नशे से होने वाले नुकसान व दुष्प्रभावों को प्रभावी तरीके से बताया।नशे के दुष्प्रभाव से जुड़ा गीत भी प्रस्तुत किया।विश्वम्भर जी ने गीत के बोल को समझाने का आग्रह किया।प्रशिक्षक साथियों ने बातसल्ली शब्दार्थ स्पष्ट किया।इसके बाद करीब 12.30 तक किशोरियों के साथ संवाद किया जिसमें उन्हें यहां क्या अच्छा लगता है?यहां क्या सीखा,क्या बनना चाहते हो?इन चर्चाओं के बीच किशोरियां बालगीत भी सुनाती रहीं।टाटा के दोनों साथी सतत रूप से हम से भी संवाद करते रहे।इसके बाद उन्हें पुस्कालय का अवलोकन करवाया गया।वे विविधता पूर्ण किताबों के साथ साइंस के मॉडल आदि देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।तदोपरांत उन्हें शिविर के सभी दस्तावेजों का बारीकी से अवलोकन करवाया गया।उनके प्रश्नों को जवाब दिया गया।वे दूसरा दशक द्वारा किये जा रहे डॉक्यूमेंटेशन से बहुत प्रभावित हुए।उनका कहना था कि आपका डॉक्यूमेंटेशन बहुत उम्दा है।उनका मानना था कि हमारे एकाउंट्स के लोग इन्हें देख कर खुश हो जाएंगे।ग्रुप फ़ोटो के बाद करीब 2 बजे हम इखवेलो के लिए निकले उनकी इच्छानुसार फालना से हमारे भामाशाह श्रीरामकिशोर जी गोयल से मुलाकात के साथ उनकी शॉप से छतरी की खरीद करवाई गई।चूंकि लंच की पूर्ति हमने फालना के प्रसिद्ध दही बड़े व गुलाब हलवे से कर दी थी।इसलिए चामुंडेरी इखवेलो पहुँचकर किशोर-किशोरियों के साथ संवाद करवाया गया।उन्होंने विशेष तौर पर समूह विभाजन और अध्यापन पर प्रश्न किये।उन्हें सन्तुष्ट किया और उन्होंने माना कि इखवेलो पर दो व्यक्ति होने चाहिए।चूंकि बारिश का दौर पूरे दिन चला तो हम भी समय के साथ उनकी सहमति से कार्यक्रम में परिवर्तन करते रहे।इखवेलो के बाद उन्हें मगरा बेल्ट की झलक दिखाने की मंशा से kundal गांव में जहां से तेरह किशोरियां शिविर से जुड़ी हैं वहां पहुंचे।वहां हमारी 2007 शिविर की सहभागी झिरमी की मदद से तीन पेरेंट्स के साथ संवाद किया।चूंकि झिरमी का रोल मॉडल के रूप में शिविर में फ़ोटो लगा था तो उन्होंने झिरमी के साथ वहां की सारी स्तिथि परिस्थिति के बारे में संवाद किया।करीब 6 बजे हम जवाई डेम की ओर निकल गये।जवाई डेम से भारी बारिश के बीच रात्रि 8.30 बाली पहुंचे।प्रसन्नता के साथ उन्हें होटल माना के लिए विदा करने के साथ आज की यात्रा पूर्ण हुई।


