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जोधपुर-रेल पटरियां लांघने वालों की खैर नही,जुर्माना के साथ होगी जेल
-जोधपुर मंडल पर एक साल में ऐसे 700 मामलों पर लगा 83 हजार रुपए का जुर्माना
जोधपुर,1 अगस्त। रेलवे ने जान जोखिम में डालकर पटरी पार करने वाले यात्रियों व आमजन को ऐसा नही करने की हिदायत देते हुए इसके प्रति सुरक्षा एजेंसियों को नागरिकों में व्यापक जागरूकता लाने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि रेल प्रशासन ने यात्रियों हेतु पटरियों को पार करने के लिए सुरक्षित उपायों के तहत जगह-जगह पर फुट ओवर ब्रिज व अंडर पास बनवा रखे हैं इससे लोग आसानी और सुरक्षित तरीके से पटरियां पार कर एक से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत बड़े स्टेशनों पर पाथ-वे का निर्माण किया जाता है,जिससे यात्रियों को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध हो सके। इसके बावजूद लोग नियमों की अवहेलना करते हुए जान जोखिम में डाल कर पटरी पार करते हैं।
उन्होंने बताया कि अनाधिकृत रूप से पटरी पार करने वाले लोगों से सख्ती से निबटने के लिए आरपीएफ को निर्देश दिए गए हैं जिससे किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
आरपीएफ को अनाधिकृत रूप से पटरियां पार करने के मामले में भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार है जिसके तहत 6 माह की कैद या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि बड़े स्टेशनों पर रेलवे ने सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे है जिसकी मदद से आरपीएफ द्वारा पटरी पार करने वाले यात्रियों की पहचान कर उनसे समझाइश की जाती है ताकि वह दोबारा ऐसा न करें।
क्या कहते हैं जोधपुर मंडल के आंकड़े
रेलवे सुरक्षा बल ने 2024-2025 वित्त वर्ष के दौरान जोधपुर मंडल पर अभियान चलाकर पटरी पार करने के पकड़े गए कुल 717 मामलों से 83 हजार 300 रुपए का जुर्माना वसूला है जबकि इस वर्ष 1 अप्रेल से 30 जून तक प्रथम तिमाही में इस तरह के 154 मामलों से 17 हजार 500 रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है। ऐसे लोगों के विरुद्ध रेलवे का अभियान और तेज किया जाएगा।
इनका कहना है
‘रेल प्रशासन अपने यात्रियों और नागरिकों से आग्रह करता है कि वह अनाधिकृत रूप से पटरी पार कर अपनी जान जोखिम में न डालें। रेलवे पटरी पार करने के लिए हमेशा उचित स्थानों जैसे पुल,ओवर ब्रिज,फुट ओवर ब्रिज या अधिकृत क्रॉसिंग का ही उपयोग करें इस बारे में अपने सह यात्रियों को भी जागरूक करें।’
- अनुराग त्रिपाठी,
डीआरएम,जोधपुर।


