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खीमाराम मेवाडा
फालना से जालौर नई रेल लाइन को लेकर अब जागे गुजरात के प्रवासी
श्री राजस्थान कुमावत ज्ञाति सेवा समिति सोला रणुजा अहमदाबाद के पदाधिकारी ने रेल मंत्री से लेकर राजस्थान सरकार के मंत्रियों को पत्र भेज कर उठाई मांग
तखतगढ 6 जुलाई ;(खीमाराम मेवाडा) फालना से वाया तखतगढ़ होकर जालोर के बीच वित्तीय स्वीकृति के अभाव में 23 वर्षों से अटका 459.26 करोड़ का रेल मार्ग के मामले को लेकर पिछले करीब 21 दिनों से तखतगढ़ नगर सहित पाली जालौर जिले वासीयो के लिए महत्वपूर्ण रेल मार्ग को लेकर महाराष्ट्र प्रांत में निवास व्रत दोनों जिले प्रवासियों की मांग के अनुसार लगातार प्रमुखता से प्रकाशित हो रही खबरों के बाद अब इस मुहिम को लेकर तखतगढ़ के आसपास जालौर जिले के कवराड़ा, भूति, चांदराई सहित कई गांव से गुजरात के अहमदाबाद में निवासरत प्रवासियों मे भी जागरूकता आने लगी है। रविवार को गुजरात के अहमदाबाद शहर के सोला रणुजा श्री राजस्थान कुमावत ज्ञाति सेवा समिति अध्यक्ष दीपाराम प्रजापति सहित पदाधिकारी ने रविवार को अश्विनी कुमार केंद्रीय रेल मंत्री, भारत सरकार दिल्ली एवम पाली सांसद एवं पूर्व केंद्रीय विधि मंत्री पीपी चौधरी, जालौर सिरोही सांसद निंबाराम चौधरी सहित राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत सहित कई विधायकों को पत्र भेजकर अवगत करवाया कि इस रूट के लिए तीन बार सर्व हो चुका है। लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं हुई। ऐसे में यदि उपरोक्त परियोजना की स्वीकृति होती है। तो जिला पाली व जालौर के सैकड़ो गांव कस्बे भी रेल सेवा से जुड़ पाएंगे। पत्र में यह भी बताया कि उक्तकार्य तत्कालीन रेल मंत्री लक्ष्मण बंगारू के प्रयासों से संभव हुआ था। उस समय उनकी पत्नी सुशीला बंगारू जालौर से सांसद थी। लेकिन बंगारू लक्ष्मण के रेल मंत्री पद से हटते ही उक्तकार्य मूर्त रूप नहीं ले सका। और सर्वे पर करीब 17 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। तथा रेलवे कस्ट्कान डिपार्टमेंट ने इस रेल लाइन के लिए 459.26 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार कर हेडक्वार्टर भिजवाया गया था। लेकिन इसकी वित्तीय स्वीकृति आज दिनांक तक नहीं मिल पाई। उसके बाद वर्ष 2014 में भी रेलवे की टीम ने इसका रिवाइज सर्वे किया था जो 390 करोड रुपए आंका गया था उसको रेलवे हेडक्वार्टर भेजा गया था। जो अभी तक वित्तीय स्वीकृति के इंतजार में लंबित है। जबकी प्रदेश समेत दक्षिणी राज्यों में भी ब्रॉडगेज का काम हो गया है। लोग गुजरात, महाराष्ट्र व्यवसाय करते हैं एवं दक्षिणी राज्य में भी हजारों परिवार व्यवसाय करते हैं। ऐसे में यदि इस प्रॉजेक्ट की अनुमति के बाद जालौर से फालना का जुड़ाव हो जाता है। तो फालना जालौर रेलवे स्टेशन जंक्शन बन जाएंगे। और आम जनता को सुविधा मिलेगी, यात्री भार बहेगा जिससे रेलवे को भी आर्थिक रूप से फायदा होगा। यात्री गाड़ी की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ यात्री सुविधाओं का विस्तार भी होगा। अब जब रेलवे लाइन सर्वे का काम पूरा हो चुका है तो हम पाली व जालौर जिले वासियों को सिर्फ उज्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वस है कि आप इस रेलवे लाइन की वित्तीय स्वीकृति जारी करावे। कि जालौर फालना रेल लाइन प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण एवं पाली तथा जालौर जिले के लिए वरदान साबित होगा आशा है कि आप इस और ध्यान केंद्रित करेंगे एवं इस प्रॉजेक्ट को धरातल पर लाने हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दोनों ही पाली जालौर जिले वासियों को लाभान्वित करेंगे।
