
PALI SIROHI ONLINE
सिरोही-भाजपा की ओर से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस और आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर राज्यमंत्री ओटाराम देवसी, सांसद लुम्बाराम चौधरी और भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी ने विचार व्यक्त किए।
नेताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि मुखर्जी ने ‘एक निशान, एक संविधान और एक प्रधान’ का नारा दिया। वे जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानते थे। धारा 370 को समाप्त करने की पहली आवाज भी उन्होंने ही उठाई थी।
25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय बताया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने हजारों विपक्षी नेताओं को जेल में डाला। लोगों की जबरन नसबंदी की गई। सिरोही जिले के मीसा बंदियों और लोकतंत्र सेनानियों को यातनाएं दी गई।
नेताओं ने बताया कि कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों और विरोध प्रदर्शनों के बीच कानून व्यवस्था का बहाना बनाकर आपातकाल लगाया गया। इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से 21 महीने तक आपातकाल जारी रखा। इस दौरान उन्होंने अपने करीबी सदस्यों के साथ कई ऐसे निर्णय लिए, जिनका देश के सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काला दौर : जिलाध्यक्ष भंडारी
जिलाध्यक्ष भंडारी ने कहा कि आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काला दौर माना जाता है। इस अवधि में बेलगाम सरकारी कैद, असहमति को दबाना और नागरिक स्वतंत्रता पर सरकारी दमन की घटनाएं हुईं। मानवाधिकारों के लगातार उल्लंघन और प्रेस पर दमनकारी हद तक सेंसरशिप की खबरें आती रहीं। आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के निलंबन को पर्यवेक्षकों और संवैधानिक विशेषज्ञों द्वारा चिंता के साथ याद किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद मामले को हाथ से निकलता देख इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाने का फैसला किया। कांग्रेस पार्टी का यह फैसला देश की लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध हुआ और इसे एक काला दिन के रूप में याद किया जाने लगा।
भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी: सांसद चौधरी
सांसद चौधरी ने कहा कि 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 साल हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया और लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया था।” उन्होंने कहा, अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी यह संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कोई ऐसा करने की हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले किया गया था। हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार आम लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रमुख मुद्दों में से एक संविधान बचाने का मुद्दा था। जिसे पार्टी आज भी जोर शोर से उठा रही है। विडंबना ये है कि जिस कांग्रेस ने संविधान में सैकड़ों संशोधन किए, उसके मूल ढांचे में संशोधन किए वह पार्टी आज संविधान बचाने की बात कर रही है। जिस भारतीय जनता पार्टी की पूरी राजनीति संविधान में दिए गए प्रावधान के तहत समाज के गरीबों, महिलाओं, वंचितों और दलितों की उत्थान के लिए है आज उस बीजेपी पर संविधान की दुर्दशा करने वाली कांग्रेस पार्टी आरोप लगा रही है।
इस मौके पर भाजपा जिला महामंत्री नरपतसिंह राणावत, प्रदेश किसान मोर्चा उपाध्यक्ष गणपतसिंह राठौड़, जिला प्रवक्ता रोहित खत्री, ताराराम माली, लोकेश खंडेलवाल, महिपाल चारण, हिम्मत छिपा सहित कार्यकर्ता मौजूद थे।


