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खीमाराम मेवाडा
फालना से जालोर रेल लाइन की कोई नई बात नहीं
आज से 50 साल पूर्व बचपन में फालन से जालौर रेल लाइन को लेकर भूतेश्वर महाराज द्वारा भविष्यवाणी करते सुना था, जबर सिंह तरवाड़ा
बाद भेरुसिंह शेखावत और बंगारू लक्ष्मण पथमेड़ा में फालना से जालोर तक रेलवे लाइन की घोषणा की थी
तखतगढ 2 जुलाई ;(खीमाराम मेवाडा) फालना से वाया तखतगढ़ होकर जालोर तक रेल लाइन बिछाने का मामला कोई नया नहीं है। इस रेल लाइन लाइन को लेकर आज से 50 वर्ष पूर्व बेदाना प्याऊ का निर्माण के दौरान श्री भूतेश्वर महाराज द्वारा इसकी भविष्यवाणी करते सुना था। ऐसी ही बुधवार को एक अजनबी कहानी सुनने में आई है। की जालौर जिले के आहोर तहसील तरवाड़ा निवासी हाल तखतगढ़ निवासी किसान नेता जबर सिंह शेर रूबरू होकर फालना से वाया तखतगढ़ जालौर तक लंबे समय से तीन बार सर्वे के उपरांत भी वित्तीय स्वीकृति के अभाव में अटका पड़ा नई रेल लाइन मामले पर बातचीत करने पर जबर सिंह तड़वाड़ा ने हंसते-हंसते बताया कि जब मैं 16 वर्ष की उम्र में था। तब मैं बेदाना गया था। उस दरमियांन बेदाना प्याऊ का निर्माण हो रहा था। उसे वक्त बेदाना कंवरसा और भूतेश्वर महाराज बावजी प्याऊ निर्माण को लेकर आपस में बातें कर रहे थे। कि यहां से सड़क निकलेगी। तब भूतेश्वर महाराज बावजी ने अपने मुख से भविष्यवाणी की थी की यहां सड़क तो क्या आने वाले समय में रेलवे लाइन निकलेगी। इस बात का कोई प्रमाण तो नहीं है। लेकिन मैं बचपन में पूरी सुनी थी। उसके बाद जालोर सिरोही सीट से बंगारू लक्ष्मण बूटा सिंह के आगे हारे तब बीजेपी की सरकार बनी तो वाजपईजी ने बंगारू लक्ष्मण को रेल राज्यमंत्री बनाए थे। उस वक्त मैं उनके साथ था। उस दरम्यान भैरूसिंहजी और बंगारू लक्ष्मण जब पथमेडा आए। और उन्होंने कहा कि जालौर को एक सौगात मिल सकती है। और मैं फालना से जालोर रेलवे लाइन की घोषणा करता हूं। उसके बाद बंगारू लक्ष्मण ने दो बार सर्वे कराया जिसमें सुना था की तखतगढ़ में दोनों उत्तर दिशा मैं सर्वे करवाया फिर तीसरी बार रिवाइज सर्वे दक्षिण की तरफ हुआ था। वैसे तखतगढ के भामाशाह भी उस वक्त कहते थे कि तखतगढ़ में रेल लाइन निकलेगी। इस रेल लाइन को लेकर पाली जालोर एवं अन्य प्रांतों में निवासरत प्रवासियों द्वारा लंबे समय से मांग उठाई जा रही है। तो निश्चित रूप से जैसे कि ग्रेनाइट नगरी जालोर और प्रवासियों के लिए आवागमन में सुविधा शुगम होगी। और फालना से जालोर होते हुए बाडमेर तक कनेक्टीवी बढ सकती है। और भविष्य में तखतगढ़ में कोई बडा उद्योग भी शुरू होता है। तो सभी के लिए रोजगार के लिए अवसर भी खुलेंगे।
