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खीमाराम मेवाडा
वर्तमान में फालना से जालौर रेल लाइन एक महत्वपूर्ण है जिससे रेलवे को भी बड़ा फायदा होगा, सत्य प्रकाश पटेल पाली के जनसेवा फाउण्डेशन के संस्थापक ने भी रेल मंत्री मुख्यमंत्री और पाली सांसद को भेजा पत्र
तखतगढ 27 जून ;(खीमाराम मेवाडा) फालना से वाया तखतगढ़ होकर जालोर के बीच वित्तीय स्वीकृति के अभाव में 23 वर्षों से अटका 459.26 करोड़ का रेल मार्ग के मामले को लेकर 11 दिन से लगातार प्रमुखता से प्रकाशित हो रही खबरों के बाद इस मुहिम को लेकर तखतगढ़ नगर सहित पाली जालौर जिले वासीयो के लिए महत्व पूर्ण मात्र स्वीकृति के अभाव में लंबे समय से अटका पड़ा फालना से वाया तखतगढ का जालौर रेल लाइन बिछाने की मांग जोर पकने के बाद पाली से भी आवाज उठने लगी है। शुक्रवार को पाली के जनसेवा फाउण्डेशन के संस्थापक अध्यक्ष एव पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान मजदूर यूनियन सत्य प्रकाश पटेल ने भी इस महत्वपूर्ण रेलवे लाइन को लेकर केंद्रीय रोल मंत्री, भारत सरकार दिल्ली एवम पाली सांसद एवं पूर्व केंद्रीय विधि मंत्री पीपी चौधरी सहित राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र भेजकर अवगत करवाया कि इस रूट के लिए तीन बार सर्व हो चुका है।
लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं हुई थी ऐसे में यदि उपरोक्त परियोजना की स्वीकृति होती है। तो जिला पाली व जालौर के गांव कस्बे भी रेल सेवा से जुड़ पाएंगे। पत्र में यह भी बताया कि वर्ष 2001 में जालौर फालना रेल लाइन सर्व के तहत फालना से सांडेराव, दुजाना, बलाना, तखतगढ़, बेदाना, उमेदपुर, गुड़ा बालोतान, आहोर, भैसवाड़ा, बरी, गोदन, साकरणा से जालौर तक स्टेशन बनने थे। उक्तकार्य तत्कालीन रेल मंत्री लक्ष्मण बंगारू के प्रयासों से संभव हुआ था। उस समय उनकी पत्नी सुशीला बंगारू जालौर से सांसद थी। लेकिन बंगारू लक्ष्मण के रेल मंत्री पद से हटते ही उक्तकार्य मूर्त रूप नहीं ले सका। और सर्वे पर करीब 17 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। उसके पश्चात रेल मंत्री ममता बनर्जी के समय में भी पुन सर्व हुआ था। तथा रेलवे कस्ट्कान डिपार्टमेंट ने इस रेल लाइन के लिए 459.26 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार कर हेडक्वार्टर भिजवाया गया था।
लेकिन इसकी वित्तीय स्वीकृति आज दिनांक तक नहीं मिल पाई। उसके बाद वर्ष 2014 में भी रेलवे की टीम ने इसका रिवाइज सर्वे किया था जो 300 करोड रुपए आंका गया था उसको रेलवे हेडक्वार्टर भेजा गया था। जो अभी तक वित्तीय स्वीकृति के इंतजार में लंबित है। जबकी प्रदेश समेत दक्षिणी राज्यों में भी ब्रॉडगेज का काम हो गया है। लोग गुजरात, महाराष्ट्र व्यवसाय करते हैं एवं दक्षिणी राज्य में भी हजारों परिवार व्यवसाय करते हैं। इधर बॉडगेज का काम पूरा होने के बाद यात्री गाड़ियों का संचालन तो शुरू हो गया। दूसरी तरफ फालना होते हुए दक्षिण राज्यों के लिए बड़ी संख्या में यात्री गाड़ियों का संचालन हो रहा है। ऐसे में यदि इस प्रॉजेक्ट की अनुमति के बाद जालौर से फालना का जुड़ाव हो जाता है। तो फालना जालौर रेलवे स्टेशन जंक्शन बन जाएंगे।
जिस कारण आम जनता को सुविधा मिलेगी, यात्री भार बहेगा जिससे रेलवे को भी आर्थिक रूप से फायदा होगा। यात्री गाड़ी की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ यात्री सुविधाओं का विस्तार भी होगा। अब जब रेलवे लाइन सर्वे का काम पूरा हो चुका है तो हम पाली व जालौर जिले वासियों को सिर्फ उज्मीद ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वस है कि आप इस रेलवे लाइन की वित्तीय स्वीकृति जारी करावे। कि जालौर फालना रेल लाइन प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण एवं पाली तथा जालौर जिले के लिए वरदान साबित होगा आशा है कि आप इस और ध्यान केंद्रित करेंगे एवं इस प्रॉजेक्ट को धरातल पर लाने हेतु वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दोनों ही पाली जालौर जिले वासियों को लाभान्वित करेंगे।


