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उदयपुर-उदयपुर की प्रतापनगर थाना पुलिस ने नकली नोटों के साथ सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 36 लाख 70 हजार रुपए के 500-500 रुपए के नकली नोट बरामद किए गए है। मुख्य आरोपी ने अपने परिवार को मर्चेंट नेवी में नौकरी करने का झांसा दे रखा था। जल्द अमीर बनने के लिए उसने नकली नोट बनाने वालों से संपर्क किया और अन्य युवकों को गैंग में शामिल किया।
एसपी गोयल ने बताया- मुखबिर से सूचना मिली थी कि देबारी स्थित वैशाली नगर में प्रकाश लखारा निवासी कानोड़ के मकान में फर्जी नोट बनाने की गतिविधियां चल रही है। मकान में दबिश देकर राहुल लोहार पुत्र राजमल लोहार, रोनक रतलिया पुत्र भगवतीलाल, अजय भारती पुत्र बाबू भारती को नकली नोट के साथ पकड़ा। मौके से नोट बनाने का सामान भी जब्त किया गया।
मुख्य आरोपी राहुल लोहार ने अपने परिचित लखन उर्फ कालु पुत्र छगनलाल, समीर मंसुरी पुत्र सलीम, शहजाद शाह पुत्र अकबर शाह, बबलु उर्फ समीर जाट पुत्र गणेश जाट को 500-500 के करीब 10 लाख 20 हजार रुपए के नकली नोट बाजार में चलाने के लिए दिए थे। राहुल की निशानदेही पर चारों को पकड़कर नकली नोट बरामद किया गया। चारों को सवीना थाना पुलिस ने पकड़ा है।
जल्द अमीर होना चाहता था, घर पर बताई झूठी नौकरी की बात
मुख्य आरोपी राहुल लोहार ने पूछताछ में बताया- वह अमीर बनने का सपना देखता था। उसने घर पर मर्चेन्ट नेवी में नौकरी करने की झूठी बात घरवालों को बता रखी थी। आरोपी ने अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए आर्थिक अपराध करने वाले लोगों से मिलना शुरू किया। इस बीच उसकी पहचान गणेश लाला निवासी भीलवाड़ा से हुई।
वह लोगों के साथ धोखाधड़ी करने में शातिर था। गणेश के साथ राहुल ने नकली नोट बनाने का प्लान किया। गणेश के मार्फत नकली नोट बनाने के उपकरण मंगवाए। नोट बनाकर बाजार में चलाने का प्लान बनाने के लिए इस काम में अपनी पहचान के अन्य युवकों को शामिल किया।
आज मेरी माताजी कमला देवी जी अग्रवाल की पुण्यतिथि पर शत शत नमन @पिन्टू अग्रवाल