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उदयपुर-उदयपुर में सीने पर फुटबॉल लगने से खिलाड़ी की मौत हो गई। वह फुटबॉल प्रतियोगिता में मैच खेल रहा था। इस दौरान विपक्षी टीम के प्लेयर ने फुटबॉल को जोर से किक किया। इस खिलाड़ी ने फुटबॉल को सीने से रोकने की कोशिश की। सीने पर फुटबॉल लगते ही वह मुंह के बल मैदान पर गिर गया।
आयोजक उसे हॉस्पिटल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। हादसा उदयपुर जिले के कोटड़ा में आयोजित बाबा साहब देशपांडे जनजाति फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान बुधवार शाम 5 बजे हुआ।
कोटड़ा थाने के एएसआई इंद्र सिंह ने बताया- राजस्थानी वनवासी कल्याण परिषद की ओर से फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसमें गांव निचला थला निवासी शांता (40) पुत्र सका वडेरा की मौत हो गई।
आयोजकों ने संभाला, हॉस्पिटल लेकर गए
राजस्थानी वनवासी कल्याण परिषद में संगठन मंत्री हर रतन डामोर ने बताया- शांता परिषद की ओर से संचालित स्कूल की बस का ड्राइवर था। सीने पर फुटबॉल लगने के बाद आयोजकों ने उसे संभाला। मेडिकल टीम ने दवाई दी और परिषद के हॉस्टल में जाकर लेटाया। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे कोटड़ा हॉस्पिटल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
डॉक्टर बोले- चोट से बह गया खून
कोटड़ा बीसीएमओ डॉक्टर शंकरलाल ने बताया कि मृतक शांता के सीने के लेफ्ट साइड खरोंच के निशान थे। मेडिकल जांच में पता लगा कि उसके सीने के ठीक नीचे तिल्ली फटने से पेट के अंदर ज्यादा मात्रा में खून बह गया। इससे नसों में खून की कमी हो गई और उसकी मौत हो गई।
प्रतियोगिता में 38 टीम कर रही पार्टिसिपेट
प्रतियोगिता का उद्घाटन मकर संक्राति पर 14 जनवरी को जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने किया था। प्रतियोगिता में कोटड़ा क्षेत्र के गांवों की 38 टीम भाग ले रही हैं। गांव में आदिवासी प्रतिभावान खिलाड़ियों को तराशने के लिए हर साल इसका आयोजन होता है। शांता जनजाति मंत्री खराड़ी के गांव निचला थला का ही रहने वाला था और उसी गांव की टीम से खेल रहा था।
फुटबॉल खेलने का था शौक
शांता को फुटबॉल खेलने का शौक था। इसलिए उसने प्रतियोगिता में भाग लिया था। उसके 3 बच्चे हैं। परिजन ने बताया- वह तीन-चार दिन से बीमार थे। मना करने पर भी प्रतियोगिता में भाग लिया।