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झाड़ोल (उदयपुर)। जहां एक ओर केंद्र और राज्य सरकार परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए अभियान चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उदयपुर जिले के झाड़ोल ब्लॉक में सामने आए एक मामले ने योजनाओं की जमीनी सच्चाई उजागर की है। यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 55 वर्षीय रेखा पत्नी कवरा कालबेलिया ने 17वें बच्चे को जन्म दिया। इस पर अस्पताल परिसर में मरीजों और परिजन की भीड़ लग गई। इतना ही नहीं, रेखा के पोते-पोतियां और दोहिते भी दादी को बधाई देने पहुंचे।
7 बेटे और 4 बेटियां
कवरा कालबेलिया निवासी लीलावास (झाड़ोल) बड़े परिवार के साथ बेहद गरीबी में जीवनयापन कर रहा है। परिवार में 7 बेटे और 4 बेटियां हैं, जबकि 6 बच्चों की जन्म के बाद मौत हो चुकी है। वर्तमान में कुल 11 संतानें हैं। जिनमें से 2 बेटों और 3 बेटियों की शादी हो चुकी है। शादीशुदा बच्चों के स्वयं के भी 2–3 बच्चे
एक भी बच्चा स्कूल नहीं गया
कबाड़ बिनने का काम करने वाले कवरा को बच्चों की शादी के लिए कर्ज लेना पड़ा। लाखों रुपए ब्याज चुकाने के बावजूद कर्ज खत्म नहीं हुआ। हालात इतने खराब है कि परिवार का कोई बच्चा स्कूल नहीं गया है। कवरा के परिवार को आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला
