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खीमाराम मेवाडा
भारतीय मजदूर संघ पाली संभाग का दो दिवसीय युवा अभ्यास वर्ग काम्बेश्वर महादेव जी स्थिति सोनी समाज धर्मशाला मे सम्पन्न
तखतगढ 24 अगस्त;(खीमाराम मेवाडा) भारतीय मजदूर संघ पाली संभाग का दो दिवसीय युवा अभ्यास वर्ग काम्बेश्वर महादेव जी स्थिति सोनी समाज धर्मशाला मे सम्पन्न हुई l अभ्यास वर्ग का उद्घाटन प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डाबी प्रदेश मंत्री मोहन लाल प्रमोद कुमार संभाग संघठन मंत्री अनिल जैन ने विश्वकर्मा भगवान दंतोपंथ जी ठेंगडी तथा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन करके किया l प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा की भारतीय मजदूर संघ की स्थापना से पूर्व देश में कई श्रम संगठन कार्यरत थे, जो किसी न किसी राजनीतिक विचारधारा एवं पाश्चात संस्कृति से ओत-प्रोत थे. देश में ट्रेड यूनियनों का प्रचलन 1889 से आया, जब एमए लोंखडे ने बाम्बे मिल एसोशिएसन की शुरूआत की. उनके बाद एनएस जोशी ने 1890 में मद्रास लेबर एसोशिएशन की शुरूआत की. 1891 में बंगाल में एमएन राय ने जूट मिल एसोसिएशन की. एमएन राय ने मार्क्सवाद-लेनिनवाद का लबादा ओढ़कर रखा था. वे चीन जाकर पाश्चात्य संस्कृति का अध्ययन कर भारत लौटे और भारत में कम्युनिज्म के फैलाव के लिए मजदूरों के माध्यम से ट्रेड यूनियनें बनाने लगे. यह विचार पूरी तरह भारतीय संस्कृति के विपरीत है। उन्होंने कहा देश की आजादी के आन्दोलन के समय 1942 में कम्युनिस्टों ने स्वयं को महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन से अलग रखा. 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय भी चीन के साथ खड़े होकर डिंफेस और टेली कम्युनिकेशन में हड़ताल का आह्वान किया. कम्युनिस्ट संगठनों द्वारा चाइना को मुक्ति वाहिनी घोषित करना, यह देश के साथ गद्दारी करने जैसा व्यवहार था. जब देश युद्ध के संकट में हो तब ‘चाहे जो मजबूरी हो, मांगें हमारी पूरी हो’ जैसे नारे देना, यह देश के साथ विश्वासघात करने जैसा था ऐसे विकट परिस्थिति से निपटने के लिए 23 जुलाई 1955 को भारतीय मजदूर संघ की स्थापना भोपाल मे किया गया l
प्रदेश मंत्री मोहन लाल माली ने अभ्यास वर्ग को सम्बोधित करते हुए कहा की भारतीय मजदूर संघ के उदय से पूर्व चलने वाली सभी यूनियन ब्रेड-बटर के आधार पर चलती थी. मजदूरों के क्षेत्र में राष्ट्रीय सोच को लेकर काम न होते देख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक माधवराव सदाशिव गोलवकर ने वरिष्ठ प्रचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी को श्रमिकों के बीच काम करने हेतु कहा. इसके बाद ठेंगड़ी जी ने कार्य आरम्भ किया. वे 1952 से 1954 तक इंटक में प्रदेश संगठन मंत्री (मध्यप्रदेश) रहे. उन्होंने जूट इंडस्ट्रीज का अध्ययन किया. उन्होंने देखा कि ट्रेड यूनियन एवं राजनीति में एक साथ काम नहीं किया जा सकता. इसके बाद उन्होंने भारतीय संस्कृति के आधार पर 23 जुलाई 1955 को भोपाल में कपड़ा मिल से आजादी के प्रणेता बाल गंगाधर तिलक एवं चंद्रशेखर आजाद की जन्म तिथि के अवसर पर भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की.
स्थापना काल से ही भारतीय मजदूर संघ देशहित, उद्योगहित और श्रमिक हित में कार्य करने लगा. उस समय देश में चलने वाले नारे ‘चाहे जो मजबूरी हो, मांगें हमारी पूरी हों’ और ‘कमाने वाला खाएगा’ जैसे नारों को अमान्य करते हुए ‘भारत माता की जय’ और ‘देश के हित में करेंगे काम-काम के लेंगे पूरे दाम’, ‘कमाने वाला खिलाएगा’ जैसे नारे दिये. इसके अलावा विश्वकर्मा जयंती को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू कियाl कार्यक्रम पाली जालौर सिरोही के 150 कार्यकर्ताओ ने वर्ग मे उपस्थित दिए सुमेरपुर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुया राम देवासी वकील मंडल सचिव अधिवक्ता महिपाल सिंह राजपुरोहित अरुण देवडा जीवन देवासी जिला अध्यक्ष किशन लाल देवडा वसना राम तहसील अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह विशाल बोराणा तहसील उपाध्यक्ष मोहन लाल हिमांशु परिहार यशपाल परिहार गणपतलाल पार्षद गोविंद कुमावत , दिनेश माधव , गोविंद बंजारा सहित सुमेरपुर के कार्यकर्ता उपस्थित रहे
