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खीमाराम मेवाडा
सबसे बड़ा भगवान का नाम शिव है, भगवान शिव साक्षात है, कथावाचक
तखतगढ़ में शिव चरित्र कथा के तीसरे दिन पंडाल हुआ भक्ति मय के साथ हुआ समापन
तखतगढ 7 अगस्त;(खीमाराम मेवाडा) देवनगरी तखतगढ़ की धन्य धरा पर श्री कुन्देश्वर महादेवजी मन्दिर प्रांगण में
श्रावण मास के उपलक्ष में कुंभलगढ़ के सूरजकुंड धाम के गादीपति श्री श्री 108 परम् पूज्य महन्त श्री अवधेश चैतन्य ब्रह्माचारीजी महाराज के आशीर्वाद से बाबूलाल शर्मा एवं समस्त रांकावत परिवार द्वारा श्री हनुमानदासजी महाराज (हरिद्वार) के मुखारविन्द से 3 दिवसीय शिव चरित्र कथा का सावन मास को लेकर बड़ी उत्साह एवं उमंग के साथ धूमधाम से शुभारंभ होने के तीसरे दिन गुरुवार को कथा श्रवण को लेकर महिलाओं एवं पुरुषो से बड़ा पंडाल भक्ति में हो गया। और भक्ति में लिंन महिलाएं उत्साहित होकर तालियो कि गड़गड़ाहट के बीच नाचने का आनंद उठाया।
शिव चरित्र कथा के तीसरे दिन गुरुवार को श्री हनुमान दास जी महाराज के मुखारविन्द से हर हर ओम नमो शिवाय, हर हर भोले गंगा शिवाय, गंगा धराय शिव गंगा धराय के गुंज के साथ विधिवत शिव चरित्र कथा का शुभारंभ किया गया। श्री हनुमान दास जी महाराज ने कहा कि सबसे बड़ा भगवान का नाम शिव है, भगवान शिव साक्षात है। भगवान शिव कहते हैं। मेरा भक्त किसी कृष्ण भक्त विष्णु या वैष्णवो का अपमान करें वह मेरा वक्त नहीं। चाहे कृष्ण कहो राम कहो हम सब एक ही है और हमारी पूजा में कोई भेद नहीं। शिव की बारात में भूत-प्रेत, देवता और गंधर्व शामिल थे। पार्वती के माता-पिता हिमालय और मैना पहले तो शिव के भयानक रूप से डर गए, लेकिन बाद में नारद मुनि के समझाने पर विवाह के लिए तैयार हो गए। विवाह संपन्न होने के बाद, ब्रह्मा जी ने मंत्रोच्चारण किया और सभी ने शिव-पार्वती के विवाह की खुशी मनाई
कथा श्रवण को लेकर तीसरे दिन तखतगढ़ नगर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र से भी महिलाओं एवं पुरुषों सहित भक्तों से पंडाल चकाचक पड़ा हुआ था । और पूरा पंडाल भक्ति मय मैं बदल गया नगर में तीन दिवसीय शिव चरित्र कथा का शुक्रवार को समापन हुआ कथा श्रवण के दौरान आयोजन करता बाबूलाल शर्मा भरत कुमार पुत्र संघवी बाबुलालजी रांकावत एवं जितेंद्र चांदोरा, भूपेंद्र जोशी, अमृतलाल सुथार सहित नगरवासी मौजूद रहे

