
PALI SIROHI ONLINE
जय नारायण सिंह
पाली-सावधान, आंखो से रगीन व अच्छी दिखने वाली कलरयुक्त मिठाई शरीर में बन सकती है केसंर का कारण, त्यौहार के सीजन में खाद्य सुरक्षा टीम ने 5 मिठाई प्रतिष्ठानों पर दी दबिश, 182 किलो कलर युक्त मिठाइयां करवाई नष्ट
प्रदेशभर में त्यौहार के मध्यनजर पाली जिले में विशेष अभियान के तहत दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थो की बढ़ती खपत के तहत जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा सोजत सिटी में 5 मिष्ठान के प्रतिष्ठानों पर दबिश देकर कलर युक्त मिठाई निर्माण करने वाले खाद्य कारोबारकर्ताओं पर बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया गया। आयुक्त खाद्य सुरक्षा औषधि नियंत्रण एच गुईटे के दिशा निर्देश व सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल के निर्देशानुसार पाली जिले के सोजत सिटी में 25 वर्ष पुरानी दुकान चाचाजी मिठाई वाला मैन बाजार सोजत सिटी पर दबिश देकर इण्डस्ट्रीयल कलर का उपयोग कर मिठाई बनाने वाले खाद्य कारोबारकर्ता के गोदाम व दुकान पर कार्यवाही की गयी। इस दबिश के दौरान शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानो से अधिक कलरयुक्त 182 किलो मिठाई को नष्ट करवाया गया।

साथ ही सोजतसिटी में छप्पन भोग मिष्ठान भण्डार, एफबीओ गगन गुप्ता की चाचा मिठाई वाला, वैष्णव स्वीट का निरिक्षण किया गया तथा स्वच्छता रखने की हिदायत दी।
इस कार्यवाही के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश चन्द्र शर्मा व दिलीप सिहं यादव ने 5 मिष्ठान भंडारों से 6 सेम्पल लिये। कार्यवाही के दौरान सोजत सिटी के बिरस्टो कैफे की प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुये पनीर का सेम्पल लिया गया। इन सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं पर कार्यवाही करते हुये इनके सेम्पल जांच हेतु जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भिजवाये गये।
जहां से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर मिलावट करने वाले खाद्य कारोबारकर्ताओ के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही को अंजाम दिया जायेगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी दल के साथ ऑपरेटर ओम प्रकाश प्रजापत, रेक्सो चालक लक्ष्मणदान चारण उपस्थित रहे।
अधिक कलर उपयोग से होता है केन्सर
सीएमएचओ डॉ मारवाल ने बताया की जो मिठाई आपकी आंखो को रंगीन व अच्छी दिखाई देती है उसमें कलर की मात्रा अधिक होने के कारण शरीर में कैंसर जैसी भयावह बीमारी पैदा हो जाती है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेशचन्द्र शर्मा ने बताया की एफएसएसआई द्वारा प्रमाणित 100 ग्राम बुश कलर का उपयोग 2000 किलो तक मिठाई बनाने में बराबर अनुपात में उपयोग किया जाता है। जबकि आम व्यक्ति को मिठाई को रंगीन व अच्छी दिखाने के चक्कर में मिष्ठान भण्डार वाले उसे 100 ग्राम बुश कलर का उपयोग मात्र 200 किलो मिठाई बनाने में कर देते हैं, जिससे कलर का अधिक उपयोग होने के कारण कैंसर फैलता हैं।


