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सभी सरकारी संस्थानों में संविधान की प्रस्तावना का चित्र लगाए जाना अनिवार्य हो – सांसद नीरज डांगी
फिरोज खान कि रिपोर्ट
सिरोही। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने राज्यसभा में विशेष उल्लेख के जरिए सभी सरकारी संस्थाओं के परिसरों में भारत के संविधान की प्रस्तावना का चित्र अनिवार्य रूप से लगाए जाने हेतु केंद्र सरकार से उचित दिशा निर्देश जारी करने की मांग की। डांगी ने बताया कि सामाजिक न्याय समानता और भारत के संविधान में उनके योगदान के मध्य नजर सभी सरकारी संस्थाओं को डॉ अंबेडकर का चित्र लगाने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और 2013 से 2019 तक की विभिन्न सरकारी अधिसूचनाओं परिपत्रों पर आधारित है। इन चित्रों को अनिवार्य रूप से लगाना भारत की स्वतंत्रता सामाजिक न्याय और संवैधानिक जिम्मेदारी मूल्यों में उनके योगदान की याद दिलाता है। सांसद ने संविधान की प्रस्तावना की महत्ता पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों के शिक्षण संस्थान को अपने परिसर भारतीय संविधान की प्रस्तावना का चित्र लगाने का निर्देश दिया गया था। प्रस्तावना को इस तरह प्रदर्शित करना संविधान और भारत के शासन ढांचे के अभिन्न अंग के रूप में इसके महत्व को स्वीकार करता है। सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थाओं की तरह सभी सरकारी संस्थाओं को भी राष्ट्रीय एकता मूल्य और संवैधानिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देते हुए प्रस्तावना को प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए। डांगी ने कहा कि सभी सरकारी संस्थानों में भारत के संविधान की प्रस्तावना का प्रदर्शन जहां एक और राष्ट्रीय एकता संप्रभुता समाजवाद धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है वही उसमें निहित सिद्धांत लोक सेवकों के लिए अनुस्मारक के रूप में कार्य कर रहा है। डांगी ने भारत सरकार से आग्रह किया की सभी सरकारी संस्थाओं के परिसरों में भारत के संविधान की प्रस्तावना के चित्र को अनिवार्य रूप से लगाए जाने के लिए उचित दिशा निर्देश तत्काल जारी करें