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नटवर मेवाडा
सांडेराव-हिन्दुत्व को जिन्दा रखने वाले प्रथम महापुरूष थे राणाप्रताप-देवतरा ठाकुर सिंह व राणावत
साण्डेराव। स्थानीय कस्बे सहित आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में महाराणा प्रताप की जयंती पर दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। महाराणा प्रताप की जयंती पर साण्डेराव-फालना सड़क मार्ग पर स्थित मेवाड़ा अतिथि भवन में गुरुवार को देवतरा गांव के ठां गणपत सिंह देवड़ा के मुख्य अतिथि एवं मारवाड़-गोड़वाड जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष जयदेव सिंह राणावत की अध्यक्षता में समारोह के साथ मनाई गई।समारोह में महाराणा प्रताप के शुभचिंतकों ने उत्साह के साथ भाग लिया।
आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मारवाड़-गोड़वाड जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष जयदेव सिंह राणावत ने कहा कि हिन्दुस्थान में हिन्दुत्व को जिंदा रखने वाले देश के प्रथम महापुरूष राणाप्रताप ही थे।
राजस्थान में मेवाड नही होता तो राजस्थान अधुरा ही होता तथा भारत देश में राजस्थान नही होता तो भारत की पहचान नही होती।राजस्थान में कई वीर महापुरूष हुए जिनकी गाथाएं आज भी अमर है। हमें राजस्थान के वीर महापुरूष राणाप्रताप की वीरता,साहस व पुरूषार्थ की सीख लेनी होगी।आज देश में राणाप्रताप,शिवाजी,दुर्गादास,राव जैताजी व कुंपाजी जैसे महापुरूर्षो से सीख लेकर हम देश की रक्षा कर सकते है।
समारोह की शुरूआत अखिल भारत हिंदू युवा महासभा के जिला अध्यक्ष महावीर मेवाड़ा ने राणा प्रताप की तस्वीर पर फुलमालाएं अर्पित करने के साथ दीप प्रज्जवलित कर उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की परिवेष में हमें महाराणा प्रताप के कदमो पर चलकर देश की रक्षा के लिये आगे आना चाहिए।
आज देश में जगह-जगह आंतकवाद पनप रहा है,और साम्प्रदायिक शक्तियां अपना सिर उठा रही है। देश के एकता व अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए हमें राणा प्रताप के बताये मार्ग पर चलना चाहिए।इस दौरान,मगेर सिंह कुंपावत, शक्ति सिंह गिरवर,भरत सिंह,भावेश मेवाड़ा, नटवर मेवाड़ा,किशोर नाहर, विक्रममेवाडा सहित बडी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।


