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रेवदर-रेवदर ब्लॉक स्तरीय गैर आवासीय रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण का समापन सिविल एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट रेवदर अनुपमा भटनागर के मुख्य आतिथ्य में बुधवार शाम को संपन्न हुआ।
न्यायाधीश ने छात्राओं की सुरक्षा हेतु पोक्सो एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम 2015 के विशेष प्रावधानों, बाल संरक्षण अधिनियम, दहेज प्रथा, बाल विवाह, अत्याचार, कार्यस्थल पर शोषण व हिंसा संबंधी विभिन्न कानूनों की जानकारी दी और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सचेत रहने एवं आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी महिला शिक्षकों पर अधिक होती है। इस संदर्भ में कई राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण मिलते हैं। नारी शक्ति में दशा और दिशा दोनों को बदलने की शक्ति होती है। महिलाओं को अपनी पहचान बनाने की जरूरत है। उन्होंने सभी महिला संभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे स्वयं और अपनी छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
सीबीईओ अन्नाराम मोबरसा ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता और सीखे गए गुरों को बालिकाओं तक पहुंचाने हेतु सभी संभागियों को निर्देशित किया। एसीबीईओ घनश्याम सिंह आढ़ा ने कहा कि बालिकाओं के साथ हो रहे अत्याचार, शोषण और अपराध को देखते हुए इस प्रशिक्षण का महत्व और भी बढ़ जाता है।
प्रशिक्षण प्रभारी छगनलाल रावल ने बताया कि सात दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण में कुल 75 शिक्षिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। ये सभी संभागी अपने विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक अध्ययनरत छात्राओं को आगामी तीन महीनों में प्रत्येक माह 15 दिन का, यानी कुल 45 दिन का आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करेंगी। महिला कांस्टेबल भंवरी चौधरी ने महिला संभागियों को इंडोर और आउटडोर आत्मरक्षा प्रशिक्षण के गुर सिखाए, जो बालिकाओं के लिए लाभकारी और उपयोगी साबित होंगे।
इस मौके पर सहायक लोक अभियोजन अधिकारी जसवंतसिंह राव, वकील मंडल अध्यक्ष दिनेश कुमार गर्ग, एसीबीईओ पूनमसिंह सोलंकी, संदर्भ व्यक्ति मनोज कुमार, शारीरिक शिक्षिका उर्वशी मीणा, इंदिरा वर्मा, पांचू, अरविंद कुमार और राजेश गुरु मौजूद रहे।