
PALI SIROHI ONLINE
ओम शांति ब्रह्मा कुमारीज रानी के आत्म ज्योति भवन में रक्षाबंधन का कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया गया।
नगराज वैष्णव
रानी इस उपलक्ष में संस्था के स्थापना पर एनीमेशन फिल्म भाग्य विधाता दिखाया गया ,जिसमें इस संस्था किस प्रकार से विस्तार को प्राप्त हुई किन परिस्थितियों से पार हुए और आज सारे विश्व में अध्यात्म का परचम लहरा रहे हैं वह सब दर्शाया गया। तत्पश्चात सभी को रक्षाबंधन का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए सोनू बहन ने कहा रक्षा और बंधन अर्थ वह मर्यादाओं का बंधन जो हमारी सुरक्षा करें।
आज आवश्यकता है अपने मन को नकारात्मक और व्यर्थ संकल्पों से बचाना आज ओवरथिंकिंग एंजायटी स्ट्रेस बढ़ता जा रहा है तो आज का मेडिटेशन ही यह टूल है जिसके द्वारा मन को खुश रख सके, शांत रख सके, मन एकाग्र हो ।मन हमारा पवित्र हो, मन में छल कपट ईर्ष्या द्वेष की भावना हमारे मन को मलिन करते हैं ।
यह रक्षाबंधन स्नेह का सूत्र है जो हमें सिखाती है सारे विश्व की आत्माएं परमात्मा की संतान है इस नाते हम सब भाई-भाई एक ही परिवार के हैं यह परिवर्तन सूत्र है कहते हैं स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन ।यह संकल्प का धागा है जो हमें पक्का कराता है कि हम अपने नैतिक मूल्यों में कायम रहे और यह नैतिक मूल्यों की मर्यादा ही हमारी सुरक्षा कवच है ।तिलक लगाना अर्थात आत्मा स्मृति में टिकना आत्मा के गुन में टिके रहना ।
मीठा खाना अर्थात जीवन में मिठास बनी रहे संबंधों में मिठास बनी रहे ।तो आज आवश्यकता है जीवन में प्रेम ,खुशी हो सद्भावना हो ऐसी परमात्मा की राखी सभी को बांधी गई , रंगराज सुराणा, लालाराम ,अंजनी भाई बाजाराम खीमराज ,निलेश, नाथू सिंह, हरीश गेहलोत , कुसुम, रूपाली, जयश्री ,सीता ,कमला, सुखी, डिंपल , पिस्ता लता और भी सभी उपस्थित रहे।