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रानी ओम शांति ब्रह्मा कुमारीज आत्म ज्योति भवन में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया
नगराज वैष्णव
रानी अवसर पर चैतन्य झांकी श्री राधे कृष्ण की बनाई गई सभी रास किया फिर कृष्णा प्रतिमा की आरती हुई ।इस अवसर पर सोनू बहन ने कहा भारत स्वर्ग था ।श्री कृष्ण राधा की दुनिया थी 16 कला संपूर्ण ,मर्यादा पुरुषोत्तम ,सर्वगुण संपन्न, हर भारतीय था आज हमारी तमोप्रधान अवस्था है ।अब समय आया है की कृष्ण की झांकी देखने के साथ-साथ अपने अंदर झांक कर देखें और अपनी कमियों को निकाल के अपने आप को गुण संपन्न बनाएं ताकि हमारा जीवन भी दूसरों के लिए दर्शन योग्य बने एक सैंपल बने एक पथ प्रदर्शन बन सके। श्री कृष्ण को योगीराज कहा जाता है तथा जीवन में ज्ञान और योग कर्म कुशलता किसी भी परीस्थिति को पार करने की जो कुशलता कृष्णा में थी। तो ज्ञान योग हमें सिखाता है कि हम अपने मन को संतुलित रख सके और कोई भी स्थिति विकट परिस्थिति भी आ जाए हम किस प्रकार से पार करके अपने जीवन को सुंदर बना सकते हैं यही ।श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाना है कि भारत को हमें वापस देवभूमि स्वर्ग बनाना है।


