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बड़गांव-रानीवाड़ा उपखंड के अदेपुरा गांव में एक गरीब किसान परिवार में 2 बच्चे बीते 6 साल से जंजीरों में कैद हैं। कारण है कि दोनों ही दोनों ही मानसिक संतुलन खो चुके हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति उनके इलाज के आड़े आ रही है। हालांकि 2 दिन पहले रानीवाड़ा स्वास्थ्य विभाग ने उनकी सुध लेकर दोनों को इलाज के लिए जोधपुर भेजा है।
गांव के दरगाराम की 28 वर्षीय बेटी ममता माली और 24 वर्षीय पुत्र ईश्वर माली पिछले कई साल से मानसिक रूप से बीमार हैं। दरगाराम की आमदनी खेती से होती है। उसने अपनी जमा पूंजी से जोधपुर और गुजरात में इलाज करवाया। कहीं कोई असर नहीं पड़ा। जमा पूंजी खर्च होने के बाद इलाज भी नहीं करवा सका। बीपीएल परिवार होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग से कोई मदद नहीं मिली। मजबूरी में दोनों को घर में जंजीरों से बांधकर कैद कर दिया। 6 साल से कैद रहने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इनकी सुध है। 2 दिन पहले ही रानीवाड़ा स्वास्थ्य विभाग ने दोनों को जोधपुर भेजा माता-पिता भी साथ गए हैं।
जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में उनका इलाज
कराया जा रहा है। 8 से 10 दिन तक इलाज चलेगा। उम्मीद है कि दोनों की हालत में सुधार होगा। – गणपतलाल चौधरी, बीसीएमओ