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राजसमंद-निरंकारी मिशन राजसमंद ब्रांच की ओर से मानव एकता दिवस मनाया गया। मुखी महात्मा शोभा गोस्वामी महात्मा ने प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देते हुए कहा कि मानव एकता दिवस निरंकारी मिशन के तीसरे सद्गुरु बाबा गुरुबचन सिंह महाराज के मानवता के खातिर अपना बलिदान दिया। उन्हीं की याद में विश्व की सभी निरंकारी शाखाओं में 24 अप्रैल 1980 से मानव एकता दिवस बाबा हरदेव सिंह महाराज के आदेशानुसार मनाते आ रहे हैं। सत्संग कार्यक्रम में महात्माओं ने अपने गीत, विचार, व्याख्यान, आदि शीर्षक बिंदुमानव एकता पर भाव व्यक्त किए।
मुखी महात्मा ने कहा कि मानव एकता को सिर्फ प्रेम से स्थापित किया जा सकता है, प्रेम परमात्मा की एक अदभुत अनुभूति है। जब मानव हर एक मानव में परमात्मा का अंश महसूस करता है तो स्वतः ही प्रेम प्रकट होने लगता है। आत्मिक ज्ञान ही भक्ति और मानव में मानवता के प्रति प्रेम भरने का एक जरिया है।
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उन्होंने कहा कि जिस परिवार में लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं, वहां कभी विवाद, लड़ाई नहीं होती। मानव को चाहिए कि वह नारी का सम्मान करे। मानव को जन्म देने वाली स्त्री अपार शक्ति की मालिक होती है, जिसका सम्मान करने से घर का वातावरण स्वर्ग के समान हो जाता है।
यदि मानव अपनी सभी संकीर्ण भावनाओं को तज कर मानव को जाति, मजहब, गरीब, अमीर, ऊंच-नीच जैसे दायरों से ऊपर उठकर देखता है तो वास्तव में वह प्रभु भक्ति कर रहा है। भक्ति एक समर्पण है जो मानव को प्रगति के मार्ग पर ले जाती है और ब्रह्मज्ञान के बिना समर्पण अधूरा है।