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पाली-पाली के जेतपुर थाना इलाके में 18 साल के छात्र जगदीश की सड़क हादसे में मौत हो गई। जगदीश के पिता ने मंगलवार को बताया कि बेटा डॉक्टर बनना चाहता था। वह पढ़ाई में शुरू से अच्छा था। बता दें कि 28 जनवरी को स्कूल के बाहर खड़े जगदीश को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी। जोधपुर के एमडीएम हॉस्पिटल में 1 फरवरी को उसने दम तोड़ दिया था।
जगदीश के पिता चेलाराम पुत्र पुरखाराम ने बताया- मैं मूल रूप से जेतपुर थाना के दिवांदी गांव का रहने वाला हूं। परिवार जगदीश (18) बड़ा बेटा था। मैं पत्नी, मंझले बेटे प्रवीण (15) और बेटी (13) के साथ कर्नाटक के हुबली में रहकर कारपेंटर का काम करता हूं।
जगदीश जेतपुर में अपनी नानी के पास रहकर पढ़ाई करता था। उसके पास साइंस सब्जेक्ट था। वह डॉक्टर बनना चाहता था। पढ़ाई में शुरू से होशियार था। वह भांवरी गांव के मरूधर केसरी विद्यापीठ में 12वीं में पढ़ता था।
तेज रफ्तार कार ने उड़ाया
28 जनवरी की शाम 4 बजे जगदीश स्कूल टीचर नरसींगराम के साथ जेतपुर आने के लिए स्कूल के बाहर खड़ा था। जगदीश टीचर के बाइक के पास था। टीचर अपना टिफिन स्कूल में भूल गए इसलिए बाइक सड़क किनारे छोड़ वापस स्कूल में गए थे।
इतने में एक तेज रफ्तार कार ने सड़क किनारे खड़े जगदीश को और बाइक को टक्कर मार दी। जगदीश गंभीर घायल हो गया। जगदीश को तुरंत बांगड़ हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे जोधपुर रेफर किया गया। 1 फरवरी की रात 11 बजे जोधपुर के मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में जगदीश की मौत हो गई।
पिता से कहा था- कर्नाटक नहीं चलूंगा
जगदीश के पिता चेलाराम ने बताया- जगदीश कहता था, पापा मुझे डॉक्टर बनना है। मैं गांव में रहकर पढ़ाई करूंगा। आपके साथ कर्नाटक नहीं चलूंगा। कार ड्राइवर की लापरवाही ने सड़क किनारे खड़े बेटे को टक्कर मार दी। उसकी महज 18 साल की उम्र में मौत हो गई।
इतना कहते ही चेलाराम रोने लगे। बोले-मेरे बुढ़ापे की लाठी कार ड्राइवर ने छीन ली। ड्राइवर की लापरवाही से बेटा अधूरे सपने के साथ इस दुनिया से विदा हो गया। 10वीं क्लास में जगदीश के 86.17 प्रतिशत अंक आए थे।
मामला दर्जकर जांच शुरू की
मामले में जेतपुर थाने के थानाप्रभारी राजेंद्रसिंह ने कहा-जगदीश के पिता की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।