
PALI SIROHI ONLINE
पाली-नगर में संत का आना भाग्य है। संत का अपने घर पर आना अहोभाग्य है। संत को याद करना सौभाग्य है। इतना सब होते हुए भी हम न सुधरे तो यह दुर्भाग्य है।
गांधी मूर्ति रामद्वारा में संत गोपाल राम महाराज ने कहा कि स्वामी श्री मुरली राम महाराज पाली के इस सरोवर के किनारे आकर के विराजमान हो गए और यही राम द्वारा स्थापित किया और यही तपोभूमि है। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए कलेजा चाहिए। मगर दान करने के लिए उससे भी बड़ा कलेजा चाहिए। दुनिया कहती है कि पैसा तो हाथ का मैल है। मैं पैसे को ऐसी गाली कभी नहीं दूंगा। जीवन और जगत में पैसे का अपना मूल्य है। जिसे झुठलाया नहीं जा सकता। और जो लोग पैसे को ही सब कुछ मान लेते हैं वे पैसे के लिए अपनी आत्मा तक को बेचने के लिए भी तैयार हो जाते हैं।
अरे अगर पैसा ही सब कुछ होता है तो क्यों स्वामी मुरली राम महाराज अपना राज वैभव छोड़कर के संन्यास धारण किया अगर आपने अपने मन को समझा लिया तो फिर आपको किसी संत के प्रवचन सुनने की जरूरत नहीं है। रविवार को स्वामी मुरली राम महाराज की हस्तलिखित अनुभव वाणी का दर्शन पाठ और सत्संग का विशेष आयोजन होगा।


