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पाली-रसद विभाग की ओर से जिले में 594 राशन दुकानों पर लगाए जा रहे नए एल 1 बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर ने डीलरों और लाभार्थियों दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। यह नया सॉफ्टवेयर, जिसे पुरानी एल 0 तकनीक से अधिक सुरक्षित और उन्नत माना जा रहा है।
फिलहाल फिंगरप्रिंट स्कैन करने में परेशानी पैदा कर रहा है, जिससे गेहूं वितरण बाधित हो रहा है। लोगों को परेशान होकर लौटाना पड़ता है। पहले रसद विभाग ने पुरानी बायोमेट्रिक मशीनों पर एल 0 सॉफ्टवेयर लगाया था, जिसका उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना था। अब प्रौद्योगिकी को और अधिक हाई-टेक बनाने के लिए एल 1 सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए जा रहे हैं।
विभाग का मानना है कि एल 1, एल 0 से कहीं अधिक सुरक्षित और उन्नत तकनीक है, और इसे गड़बड़ियों को रोकने के लिए इंस्टॉल किया जा रहा है। पुरानी एल 0 प्रणाली में छेड़छाड़ की आशंका थी। हालांकि नई एल 1 तकनीक के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या गड़बड़ी संभव नहीं होगी। डीलर सत्यप्रकाश बोहरा, लालसिंह का कहना है कि एल 1 सॉफ्टवेयर के कारण मशीनें ठीक से काम नहीं कर रही हैं। जहां पुराना एल 0 सॉफ्टवेयर उंगलियों के निशान आसानी से कैप्चर कर लेता था, वहीं नया एल 1 सॉफ्टवेयर फिंगर स्कैन करने के दौरान मशीनें बार फिंगर स्कैन ऑन करने का संदेश दिखती रहती है।