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पाली-पाली में गुरुवार को अपर जिला सेशन न्यायालय के न्यायाधीश शरद तंवर ने हत्या के दर्ज 7 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया। जिसमें अभियुक्त सुनिल को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोर्ट के अपर लोक अभियोजक निखिल व्यास ने बताया कि रोहट थाने में परिवादी गोपीलाल ने 3 सितंबर 2018 को रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि उसके बड़े भाई लूणाराम की बेटी गंगा की शादी 29 अप्रैल 2018 को ढूंढनी गांव (रोहट) निवासी 31 साल के सुनिल पुत्र हीरालाल से तय हुई।
रिपोर्ट में बताया कि गंगा एक आंख से थोड़ा तिरछा देखती
थी। ये बात सुनील ओर उसके परिजनों को बता दी गई थी। उनके राजी होने पर शादी तय हुई। लेकिन शादी के कुछ माह बाद ही सुनील ने गंगा को कहा कि वो उसे पसंद नहीं करता है और ताने देता था। एक दिन नींद की गोलियां कूट कर गंगा को खिला दी। फिर बेहोश होने पर गला घोट कर उसकी हत्या कर दी। फिर 3 सितंबर 2018 की सुबह करीब साढ़े पांच बजे सुनील के पिता हीरालाल ने कॉल कर बताया कि गंगा को सांप ने काट लिया जिससे उसकी मौत हो गई। इस पर वे गंगा के ससुराल गए। जहा उसके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। रिपोर्ट में बताया कि गंगा की बॉडी देखी तो उसका गला घोंटने के निशान नजर आए। इस पर शक होने पर थाने में रिपोर्ट दी। पुलिस ने हत्या की धारा में मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस ओर गवाहों के बयान सुनने के बाद 16 जनवरी 2025 को पाली के अपर जिला सेशन न्यायालय के न्यायाधीश शरद तंवर ने रोहट थाना एरिया के ढूंढनी गांव (रोहट) निवासी 31 साल के सुनिल पुत्र हीरालाल को अपनी पत्नी गंगा की हत्या करने ओर उसे आत्महत्या का रूप देने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 25 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई।