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पाली-पाली में जंगल में कटी लकड़ियों पर एक नवजात रोते हुए मिला। आवाज सुनकर एक संत मौके पर पहुंचे और उसे अपने आश्रम ले आए।
इसके बाद मासूम को नहलाया और गाय का दूध पिलाया, तब जाकर उसका रोना शांत हुआ।
बाद में मौके पर पहुंची पुलिस के साथ संत नवजात को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। जहां उसकी हालत ठीक है।
जैतपुर थाना प्रभारी जबर सिंह ने बताया कि भांवरी गांव के भगनाड के निकट जंगल में कटी पड़ी लकड़ियों पर 1 से 3 दिन का नवजात कपड़े में लिपटा हुआ था, जो रो रहा था। पशुपालक दिनेश ने निकट ही आश्रम के रहने वाले संत मनमोहन दास को सूचना दी। वे तुरंत मौके पर पहुंचे और नवजात को आश्रम लेकर आए और पुलिस को सूचना दी।
गाय का दूध पी कर नवजात सो गया
संत ने बताया कि उन्होंने परिचित डॉक्टर से सलाह लेकर नवजात को गाय का दूध पिलाया, तब जाकर वो रोना बंद हुआ और सो गया। बाद में पुलिस के मौके पर पहुंचने पर उसे पाली के बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया। जहां महेश वार्ड में उसका उपचार जारी है।
डॉक्टर बोले- नवजात के टेस्ट करवाए
मामले में बांगड़ हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरके विश्नोई ने बताया कि नवजात 1 से 3 दिन का है। जिसके सारे टेस्ट करवाए जा रहे है। ताकि किसी तरह का इन्फेक्शन हो तो पता चल सके।
50 से ज्यादा कुत्तों के एरिया में मिला नवजात
संत मनमोहन दास ने कहा कि जहां नवजात को छोड़ कर परिजन चले गए। इस एरिया में करीब 50 से ज्यादा कुत्ते है। गनीमत रही कि समय रहते नवजात पर नजर पड़ गई वरना कुछ भी हो सकता। इससे अच्छा तो आश्रम में नवजात को छोड़ जाते। बता दे कि पालना गृह में भी नवजात को कोई भी छोड़ कर जा सकता है। छोड़कर जाने वाले को कोई भी किसी तरह सवाल नहीं करता है।