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माउंट आबू-माउंट आबू कोर्ट ने एक बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में सोमवार को फैसला सुनाया है। न्यायाधीश श्याम सुंदर विश्नोई ने पांच आरोपियों को धारा 384, 388, 389, 420 और 120बी के तहत छह साल की सजा सुनाई है।
दोषी ठहराए गए आरोपियों में गोविंद पाल उर्फ गोविंद (31), गोपाल सिंह (50), गोविंद सिंह (49), शिवानी (30) और सैयद मोईनुल हक (48) शामिल हैं। इस मामले में तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्र सिंह की मौत हो चुकी है, जबकि परशुराम नामक एक व्यक्ति को दोषमुक्त किया गया है।
यह मामला 10 जून 2016 का है जब शिवानी ने माउंट आबू के होटल व्यवसायी विकास अग्रवाल से संपर्क किया था। 23 जून को शिवानी नौकरी के सिलसिले में विकास से मिलने आबू पर्वत आई। उसने विकास को बार-बार फोन कर होटल फ्लोरेंस पर बुलाया।
जैसे ही विकास होटल पहुंचे, तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्र सिंह और शिवानी का ब्वॉयफ्रेंड गोविंदराम मेघवाल होटल के ऊपरी कमरे में पहुंच गए। उन्होंने शिवानी और विकास को पकड़कर थाने ले गए। रामचंद्र सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विकास के विरुद्ध बलात्कार का मामला दर्ज करने की धमकी दी। उन्होंने विकास और उनके परिवार को 30 लाख रुपए देने के लिए विवश किया।
इस घटना के बाद प्रकाशित खबरो के बाद तत्कालीन डिप्टी प्रीति ककाणी ने मामले की जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार किया। नौ साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
अभियोजन अधिकारी सीमा शर्मा ने इस मामले की पुष्टि की है। सभी दोषियों को धारा छह साल की सजा सुनाई गई है।